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नाबालिग लड़की से लड़के ने इस कदर प्रेम किया कि प्रेमिका कंकाल में हुई तब्दील

तीन महीने बाद नाले किनारे मिला नरकंकाल, परिजनों ने न्याय की गुहार लगाई

The Chalta/अंबिकापुर। सरगुजा जिले में मासूम उम्र का प्रेम एक खौफनाक अंत तक पहुंच गया। एक नाबालिग प्रेमी ने अपनी नाबालिग प्रेमिका की गला दबाकर हत्या कर दी और जंगल के चिरंगा नाले किनारे उसके शव को पत्थरों से ढककर दफना दिया। तीन महीने तक लड़की की तलाश में भटकते परिवार को आखिर पुलिस की खुदाई में सिर्फ नरकंकाल ही मिला।

घटना बतौली थाना क्षेत्र के पहाड़ चिरंगा नाला की है। मृतिका सूरजपुर जिले के अंजनी जजावल क्षेत्र की रहने वाली थी, जो पढ़ाई और काम के लिए अंबिकापुर के पटपरिया क्षेत्र में किराए के घर में रहती थी। उसके अचानक लापता होने पर परिजनों ने गांधीनगर थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई थी।

प्रेम-प्रसंग से खुली हत्या की परतें

जांच प्रेम संबंधों के एंगल पर आगे बढ़ी। लुंड्रा क्षेत्र के ग्राम ससौली निवासी नाबालिग प्रेमी को हिरासत में लेकर जब पूछताछ की गई, तो उसने दिल दहला देने वाली सच्चाई स्वीकार कर ली।

आरोपी ने बताया कि छह माह लगभग पूर्व प्रेम हुआ था। 03 अगस्त को वह अपनी प्रेमिका से मिला और बातचीत के दौरान शादी को लेकर बहस हुई। उसने कहा कि दोनों नाबालिग हैं, लेकिन विवाद बढ़ गया। उसके बाद वह लड़की को घुमाने के बहाने बुढाआमा पिकनिक स्पॉट ले गया। लौटते समय बहस होने पर गुस्से में उसने लड़की की गला दबाकर हत्या कर दी और चिरंगा नाला किनारे पत्थरों और मिट्टी में शव दबा दिया।

कपड़ों से पहचान, तीन महीने बाद टूटा इंतजार

आरोपी की बताई जगह पर पुलिस ने खुदाई कर किशोरी का कंकाल, कपड़े और उसका सामान बरामद किया। शव की पहचान इन्हीं वस्तुओं से की गई। पुलिस अब आगे की कानूनी कार्रवाई कर रही है, क्योंकि आरोपी स्वयं नाबालिग है।

स्थानीय चर्चा: गर्भावस्था का शक, लेकिन सच पुलिस जांच पर निर्भर

खोदाई स्थल पर ग्रामीणों की चर्चा थी कि किशोरी गर्भवती थी और शादी के लिए दबाव बना रही थी, लेकिन ये दावे अभी सिर्फ हवा की बातें हैं। पुलिस जांच और फॉरेंसिक रिपोर्ट ही सच सामने लाएगी।

मां की पीड़ा: “नाबालिग कहकर बचना नहीं चाहिए, फांसी दो” बेहद दुख और गुस्से में डूबे विधवा मां ने मांग की है कि–

 “अगर लड़का नाबालिग होकर प्रेम कर सकता है, संबंध रख सकता है, और विवाह न करने को लेकर नाबालिग का बहाना कर हत्या कर सकता है, तो उसे सजा भी बालिग की तरह दी जाए। हमारी बेटी को न्याय मिलना चाहिए।”मां ने सरकार और न्यायालय से कड़ी कार्रवाई की गुहार लगाई है।

फॉरेंसिक टीम से भी निवेदन किया गया है कि

 “सच को साफ-साफ सामने लाएं, दूध का दूध और पानी का पानी करें।”

इस पूरे कार्यवाही में गांधीनगर थाना प्रभारी प्रदीप जायसवाल एवं साइबर सेल थाना प्रभारी तथा क्राइम ब्रांच टीम ने सहराहनीय भूमिका निभाई। गांधीनगर पुलिस को तीन माह से लापता लड़की के कंकाल बरामद और आरोपी को पकड़ने में सफ़लता मीली।

पुलिस कर्मी “मेहनत”

समाज के लिए कड़वी सीख

यह घटना सिर्फ एक मौत नहीं, बल्कि कई सवालों की परछाईं है। क्यों नाबालिग रिश्तों में इतनी हिंसा बढ़ रही है?
क्यों लड़कियां अपने ही भरोसे में मारी जा रही हैं?
क्यों परिवार और समाज समय रहते उन्हें समझ नहीं पाते?आज जरूरत है कि
• परिवार,
• समाज,
• और शासन
एक साथ मिलकर किशोरों में जागरूकता लाएं, ताकि कोई और लड़की अपनी ही भरोसे की छांव में दफन न हो जाए।

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