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प्रतापगढ़ पंचायत में बालू रायल्टी को लेकर घमासान, उप सरपंच ने सरपंच-सचिव पर लगाए मनमानी के आरोप

62 लाख की राशि बिना प्रस्ताव खर्च करने का आरोप, जनपद पंचायत सीईओ से की शिकायत, जवाब नहीं मिलने पर जांच समिति गठित करने की चेतावनी

The chalta/प्रतापगढ़ (सीतापुर): ग्राम पंचायत प्रतापगढ़ में सरपंच गोपाल राम और उप सरपंच सुनील अग्रवाल के बीच बालू रायल्टी को लेकर तीखी जंग छिड़ गई है। उप सरपंच ने सरपंच और पंचायत सचिव पर आरोप लगाया है कि बालू की रायल्टी से प्राप्त 62 लाख रुपये बिना किसी प्रस्ताव और ग्राम सभा की अनुमति के मनमानी तरीके से खर्च किए जा रहे हैं। इस संबंध में उन्होंने जनपद पंचायत सीतापुर की सीईओ खुशबू शास्त्री को लिखित शिकायत सौंपकर जांच की मांग की है।

उप सरपंच सुनील अग्रवाल का कहना है कि ग्राम पंचायत को बालू लायल्टी से अब तक 62 लाख रुपये का लाभ हुआ है, लेकिन सरपंच और सचिव इस राशि का पारदर्शी ढंग से उपयोग नहीं कर रहे हैं। उन्होंने सवाल उठाया कि क्या ग्राम सभा की अनुमति और प्रस्ताव के बिना राशि का आहरण और उपयोग उचित है?

इस पर मीडिया को जवाब देते हुए सरपंच गोपाल राम ने कहा कि पहले बालू की चोरी होती थी, अब पंचायत को राजस्व मिल रहा है, जिससे कुछ लोगों को परेशानी हो रही है। उन्होंने कहा कि वे जल्द ही जनपद पंचायत सीईओ को लिखित जवाब देकर सच्चाई सामने लाएंगे।

सीईओ ख़ुशबू शास्त्री

वहीं पंचायत सचिव वीर सिंह एक्का ने खुद को इस विवाद में फंसा हुआ बताया और कहा, “यह बालू की लड़ाई है, जिसमें मैं गेहूं में घुन की तरह पिस रहा हूं।” उन्होंने भी जल्द जवाब प्रस्तुत करने की बात कही।

जनपद पंचायत सीईओ खुशबू शास्त्री ने स्पष्ट कहा है कि यदि सरपंच और सचिव संतोषजनक जवाब नहीं देते हैं, तो कानूनी कार्रवाई की जाएगी और आवश्यक होने पर जांच समिति भी गठित की जाएगी।
स्थानीय नागरिकों ने कहा ग्राम पंचायत प्रतापगढ़ मांड नदी के किनारे बसा है, जहां का बालू बेहद कीमती और सोने के समान माना जाता है। पूर्व में यहां से अवैध रूप से बालू की चोरी की जाती थी, लेकिन वर्तमान सरपंच गोपाल राम ने रायल्टी पास कराकर पंचायत को आय का स्रोत प्रदान किया है। अब इस आय के उपयोग को लेकर ही विवाद खड़ा हो गया है। 

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