देश का पहला ग्रामीण गार्बेज कैफ़े मैनपाट के रोपाखार ग्राम पंचायत में शुरू, प्लास्टिक दो–भोजन लो योजना का आगाज़..
स्वच्छता ही सेवा पखवाड़ा के तहत सरगुजा जिले में प्लास्टिक अपशिष्ट के बदले नाश्ता व भोजन देने की अनूठी पहल, पर्यावरण संरक्षण और महिला आजीविका को मिलेगा बढ़ावा

The chalta/मैनपाट, सरगुजा | 21 सितम्बर 2025
स्वच्छता को जन-आंदोलन बनाने और प्लास्टिक प्रदूषण से निजात दिलाने के उद्देश्य से सरगुजा जिले के मैनपाट जनपद के ग्राम पंचायत रोपाखार में देश का पहला ग्रामीण गार्बेज कैफ़े प्रारंभ किया गया है। यह कैफ़े जिला प्रशासन सरगुजा, एलआईसी एचएफएल ग्रीन टुमॉरो परियोजना तथा फिनिश सोसायटी की सहभागिता से संचालित किया जा रहा है।
इस अभिनव पहल के अंतर्गत 1 किलो प्लास्टिक लाने पर नाश्ता और 2 किलो प्लास्टिक के बदले भोजन दिया जाएगा। गार्बेज कैफ़े का संचालन रोपाखार के कार्ब हट किचन में किया जा रहा है।
सामूहिक उद्घाटन और उद्देश्य
इस कैफ़े का शुभारंभ जनपद पंचायत अध्यक्ष श्रीमती संतोषी पैकरा, उपाध्यक्ष श्री अनिल सिंह, ग्राम सरपंच, उपसरपंच, तथा जिला पंचायत सीईओ श्री विनय कुमार अग्रवाल द्वारा सामूहिक रूप से किया गया।
सीईओ श्री अग्रवाल ने जानकारी दी कि यह पहल 17 सितम्बर से 2 अक्टूबर तक मनाए जा रहे स्वच्छता ही सेवा पखवाड़ा के अंतर्गत की गई है। इस नवाचार का उद्देश्य है – “कचरा लाओ, खाना पाओ” जैसी सरल अवधारणा के ज़रिए लोगों को स्वच्छता के प्रति प्रेरित करना।
अपशिष्ट से आजीविका तक
जिले में एक प्लास्टिक प्रोसेसिंग यूनिट की स्थापना की गई है, जहां स्व-सहायता समूह की महिलाएं प्लास्टिक से दाना, रस्सी और कुर्सी जैसे उपयोगी उत्पाद तैयार करेंगी। इससे जहां अपशिष्ट का निपटान होगा, वहीं महिलाओं की आजीविका के नए अवसर भी सृजित होंगे।
जनप्रतिनिधियों की प्रतिक्रिया
जनपद पंचायत अध्यक्ष श्रीमती संतोषी पैकरा ने कहा, “मैनपाट सरगुजा की पहचान है और इसे स्वच्छ रखना हम सबकी जिम्मेदारी है। इस अभिनव प्रयास के लिए जिला प्रशासन को धन्यवाद।”
ग्राम पंचायत रोपाखार के उप सरपंच श्री रजनीश पांडेय ने कहा कि मैनपाट में पर्यटकों की आवाजाही बनी रहती है, ऐसे में स्वच्छता बनाए रखना ज़रूरी है ताकि गांव की सकारात्मक पहचान बने।
श्रमदान और जनजागरूकता अभियान
गार्बेज कैफ़े के शुभारंभ के अवसर पर साप्ताहिक बाजार परिसर में श्रमदान कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इसमें स्थानीय जनप्रतिनिधियों, स्वच्छताग्राहियों, ग्रामीणों तथा स्वयंसेवी संस्थाओं ने मिलकर सफाई अभियान चलाया और प्लास्टिक कचरे का संग्रहण किया।
दुकानदारों से अपील की गई कि वे नियमित यूज़र चार्ज का भुगतान करें, जिससे गांवों में सफाई व्यवस्था को बनाए रखने वाली स्वच्छताग्राही दीदियों की आजीविका सुदृढ़ हो।
अन्य प्रमुख उपस्थितजन
इस अवसर पर जनपद पंचायत उपाध्यक्ष श्री अनिल सिंह, तिब्बती कॉलोनी सेटलमेंट अधिकारी सुश्री यंगत्सो, सरपंच रोपाखर श्री सुखु मांझी, कमलेश्वरपुर सरपंच श्रीमती घुरनी सिंह सहित बड़ी संख्या में ग्रामीणजन मौजूद रहे।
मैनपाट का ग्रामीण गार्बेज कैफ़े मॉडल न केवल प्लास्टिक प्रदूषण के खिलाफ एक सशक्त कदम है, बल्कि यह ग्रामीण भारत में स्वच्छता और सतत आजीविका का बेहतरीन उदाहरण भी बनकर उभरा है। यह पहल देश के अन्य हिस्सों के लिए भी प्रेरणास्रोत बन सकती है।