छत्तीसगढ़ पुलिस के दो ‘शौर्य चक्र’ विजेता: निरीक्षक लक्ष्मण केवट और रामेश्वर देशमुख को मिला सर्वोच्च शांति‑कालीन वीरता सम्मान
शौर्य चक्र: एक परिचय शौर्य चक्र भारत का तीसरा सर्वोच्च शांति‑कालीन वीरता पुरस्कार है, जिसे Ashoka Chakra और Kirti Chakra के बाद दिया जाता है। यह सेना, पुलिस, अर्धसैनिक बल, और नागरिकों को, शत्रु का सामना किए बिना अदम्य साहस, वीरता या बलिदान के लिए दिया जाता है..

The chalta/छत्तीसगढ़ रायपुर, अगस्त 2025—बस्तर के कांकेर जिले से दो पुलिस निरीक्षकों—लक्ष्मण केवट और रामेश्वर प्रसाद देशमुख—को राष्ट्रपति द्वारा शौर्य चक्र से सम्मानित किया गया। यह सम्मान अप्रैल 2024 में कलपर हिल में किए गए बहादुरी भरे अभियान के लिए दिया गया, जहां 29 माओवादी मारे गए। लक्ष्मण केवट, जिन्हें ‘एनकाउंटर स्पेशलिस्ट’ कहा जाता है, ने अब तक 36 ऑपरेशन किए और लगभग 92 नक्सलियों को ढेर किया है; वहीं देशमुख ने भी अभियान में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। यह सम्मान उनके अदम्य साहस और नेतृत्व की राष्ट्रीय मान्यता है।
ये वीर कौन हैं?
निरीक्षक लक्ष्मण केवट
भूमिका: छत्तीसगढ़ पुलिस, बस्तर क्षेत्र, कांकेर जिले के पखांजूर थाने में तैनात। LWE (बायांवामी उग्रवाद) अभियानों में ‘एनकाउंटर स्पेशलिस्ट’ के रूप में प्रसिद्ध।
साहसिक कारनामे:
2012 में बीजापुर में पोस्टिंग के बाद से 36 ऑपरेशनों का नेतृत्व किया और लगभग 92 नक्सलियों को ढेर किया। उनका पहला एनकाउंटर 23 मार्च 2014 को हुआ, जिसने उन्हें समयपूर्व पदोन्नति दिलाई।
16 अप्रैल 2023 को कलपर हिल्स में किए गए प्रमुख अभियान में 187 जवानों के नेतृत्व में 29 माओवादी ढेर किए, जिससे पुलिस बल का मनोबल बढ़ा।
निजी दृष्टिकोण: “या तो मैं नौकरी छोड़कर घर चला जाता, या नक्सलियों से लड़ता—मैंने लड़ना चुन लिया, क्योंकि अगर हम सब पीछे हट गए तो बस्तर का आम आदमी किसका बचाव करेगा?”
निरीक्षक रामेश्वर प्रसाद देशमुख
शौर्य चक्र के लिए चयनित दूसरे अधिकारी—उन्होंने भी अप्रैल 2024 के कलपर हिल एनकाउंटर में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। हालांकि मीडिया में उनके बारे में विस्तार से जानकारी उपलब्ध नहीं है, लेकिन उनके समर्थन से अभियान सफल रहा—जैसा कि एसपी कल्याण एलेसेला ने उल्लेख किया।
पुरस्कार की वजह और महत्व
अप्रैल 2024 में कलपर हिल में हुए इस ऑपरेशन को हाल के वर्षों का सबसे खतरनाक संघर्ष माना जाता है, जिसमें 29 माओवादी मारे गए। दोनों अधिकारियों की वीरता और नेतृत्व को राष्ट्रपति द्वारा शौर्य चक्र से मान्यता मिली।
ऐसे सम्मान सिर्फ व्यक्तिगत उपलब्धि नहीं हैं, बल्कि पूरे बल और आम जनता के लिए प्रेरणा है।
दोनों चयनित इंस्पेक्टरों को द चलता न्यूज़ परिवार की ओर से हार्दिक बधाई—इनकी बहादुरी हम सब के लिए गौरव का विषय है।