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हाथी के हमले में वृद्ध की दर्दनाक मौत, परिजनों को तत्काल सहायता राशि – वन विभाग और जनप्रतिनिधियों ने जताया शोक

जरूरत है कि ऐसे हादसों की पुनरावृत्ति रोकने के लिए स्थायी और प्रभावी कदम उठाए जाएं.

The chalta/बतौली, 17 अगस्त 2025/बतौली क्षेत्र के ग्राम पंचायत टीरंग अंतर्गत कोरकोटपारा गांव में बीती रात एक दुखद घटना में 65 वर्षीय वृद्ध ढेचका आ. रनसाय की जंगली हाथी के हमले में मौत हो गई। यह हादसा 16 अगस्त की रात्रि करीब 10:15 बजे हुआ, जब वे जंगल के समीप अपने सामान्य दिनचर्या में व्यस्त थे। यह क्षेत्र पी-2648 के पास स्थित कनिझरिया कोरकोटपारा टिरंग जंगल मार्ग में आता है, जहां अकसर जंगली हाथियों की आवाजाही देखी जाती है।

हाथी की मूवमेंट और घटना की जानकारी

जानकारी के अनुसार, यह जंगली हाथी लुंड्रा रेंज से अमापानी (P/2652), खोखरो बहेरा, बिरनी तालाब, टूथपारा होते हुए कोरकोटपारा पहुंचा और वहां वृद्ध रनसाय पर हमला कर दिया। हमले में रनसाय को गंभीर चोटें आईं और उन्होंने मौके पर ही दम तोड़ दिया। घटना के बाद हाथी कसापानी की ओर बढ़ता हुआ बगीचा रेंज की तरफ निकल गया।

परिवार में मातम का माहौल

मृतक रनसाय अपने पीछे पत्नी (उम्र 60 वर्ष) और एक पुत्र (उम्र 42 वर्ष) को छोड़ गए हैं। इस घटना से पूरे गांव और परिवार में शोक का माहौल व्याप्त है। वृद्ध की आकस्मिक और दर्दनाक मौत से गांव में भय और चिंता का माहौल देखा गया।

प्रशासन और जनप्रतिनिधियों की तत्परता

घटना की सूचना मिलते ही वन विभाग की टीम मौके पर पहुंची और मृतक के परिजनों को तत्काल राहत स्वरूप ₹25,000/- की सहायता राशि प्रदान की गई। यह राशि प्रारंभिक सहायता के रूप में दी गई है, जबकि शेष मुआवजा प्रक्रिया के तहत प्रदान किया जाएगा।

घटना की गंभीरता को देखते हुए क्षेत्रीय विधायक श्री रामकुमार टोप्पो स्वयं मौके पर पहुंचे और शोक संतप्त परिवार से मिलकर उन्हें सांत्वना दी। उन्होंने कहा कि वन्य जीवों से मानव जीवन को खतरे की स्थिति चिंताजनक है, और इस दिशा में स्थायी समाधान की आवश्यकता है।

विधायक के साथ भाजपा मंडल बतौली के मंडल अध्यक्ष श्री आशीष गुप्ता, जिला महामंत्री श्री देवनाथ सिंह, रज्जु राम, पूनम गुप्ता, गणेश गुप्ता, संतोष गुप्ता, सरपंच मनोज समेत कई क्षेत्रीय नेता और ग्रामीणजन मौजूद रहे। प्रशासनिक स्तर से वन विभाग के एसडीओ, थाना प्रभारी श्री चंद्रप्रताप तिवारी तथा वन विभाग का अमला भी मौके पर मौजूद रहा और घटना का निरीक्षण किया।

स्थानीय निवासियों की मांग

घटना के बाद ग्रामीणों ने मांग की है कि वन विभाग हाथियों की बढ़ती गतिविधियों पर कड़ा नियंत्रण रखे तथा गांव के पास होने वाली आवाजाही पर निगरानी बढ़ाई जाए। साथ ही मृतक के परिवार को पूर्ण मुआवजा शीघ्र दिलाने की मांग भी की गई है।

यह घटना न केवल एक परिवार की अपूरणीय क्षति है, बल्कि वन्य जीवों और मानव आबादी के बीच बढ़ते टकराव की ओर भी इशारा करती है। जरूरत है कि ऐसे हादसों की पुनरावृत्ति रोकने के लिए स्थायी और प्रभावी कदम उठाए जाएं।

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