11वें धर्म गुरू 6 वर्ष के बालक पंचेन लामा को 30 वर्षों से चीन ने किया नज़र बंद, जिंदा है या नहीं… उम्मीद की दीपक जलाकर रिहाई के लिए तिब्बती समुदाय ने…
11वें पंचेन लामा,1989 में पैदा हुए और 1995 में 14वें दलाई लामा ने उन्हें 11वें पंचेन लामा के रूप में मान्यता दी थी। लेकिन 17 मई 1995 को चीनी सरकार ने उनका अपहरण कर लिया और तब से वे गायब हैं

@the chaltaसीतापुर/मैनपाट/साल 1995 में दलाई लामा ने एक 6 साल के बालक की एक प्रमुख तिब्बती बौद्ध धर्म के प्रतिनिधि के रूप में नियुक्ति की, जिसे पंचेन लामा कहा जाता है। इसके बाद से चीन इतना डर गया कि उसने इस बालक को अपने नियंत्रण में ले लिया। आज 30 साल बाद भी पंचेन लामा का पता नहीं है।
दुनिया भर में फैले तिब्बती समुदाय 25 अप्रैल को 11वें पंचेन लामा का पैंतीसवां जन्मदिन मनाया, लेकिन इसके साथ ही तिब्बती समुदाय एक दुख में भी है कि वह एक बार फिर अपने प्रमुख धार्मिक नेता के साथ नहीं होगा। साल 2025 में उस घटना को 30 साल हो जाएंगे जब चीनियों ने पंचेन लामा को दुनिया की नजरों से गायब कर दिया था। उस समय उनकी उम्र सिर्फ छह साल थी। इसके साथ ही एक सवाल खड़ा हो जाता है कि आखिर चीन की शक्तिशाली कम्युनिस्ट सरकार एक छह साल के बौद्ध भिक्षु से इतना क्यों डर गई कि उसने उन्हें हमेशा के लिए गायब कर दिया। आज तक दुनिया को उस बालक के बारे में पता नहीं चल पाया है।पंचेन लामा तिब्बती बौद्ध धर्म में दलाई लामा के बाद दूसरे सबसे महत्वपूर्ण व्यक्ति हैं इनको तिब्बती समुदाय धर्मगुरु मानते हैं इसे तिब्बती बौद्ध धर्म के गेलुग संप्रदाय का एक महत्वपूर्ण तुल्कु माना जाता है। पंचेन लामा का इतिहास पुनर्जन्म और अवतारों की अवधारणा से जुड़ा है, जिसके अनुसार ये लामा बुद्ध के ही अलग-अलग स्वरूपों का अवतार होते हैं।
पंचेन लामा का इतिहास आज़ के दिन पुरे विश्व में मनाया जाता है उनका जन्मदिन दरअसल चीन देश ने पंचेन लामा को बचपन यानि मात्र 6 साल की उम्र में कैद कर लिया और उनके साथ उनके माता पिता को भी क़ैद कर लिया,, जिसका आज तक कोई पता नहीं चल सका है,पंचेन लामा कहा है कैसे हैं जीवित है कि नहीं इनका अभी कोई पता नहीं चल सका है लेकिन वावजूद इसके आज़ उनका जहां जहां तिब्बती समुदाय के लोग रहते हैं कैंडल मार्च निकालकर पंचेन लामा कि रिहाई का संदेश देते हैं। साथ तिब्बती अपने वैषभुषा के लिए जाने जाते हैं आज़ सरगुजा के मैनपाट शिमला में रहने वाले तिब्बतीयों ने अपने दुसरे बड़े धर्म गुरु पंचेन लामा के जन्मदिन पर उनकी रिहाई हेतु कैंडल मार्च निकालकर एक संदेश दिया है,,
The chalta.comसे बातचीत के दौरान तिबबति लीडर ने बताया आज़ सुबह 8 बजे से 10 बजे तक पुजा अर्चना हुई जिसके बाद शाम के वक्त पुरे मैनपाट के तिब्बती समुदाय के लोगों ने पंचेन लामा का 35वां जन्मदिन मनाया जन्मदिन के बाद कैंडल मार्च क्यों निकाला आइए जानते हैं पंचेन लामा जब छः साल के थे तब चीन देश ने तिब्बत देश से पंचेन लामा सहित उनके माता पिता को अपहरण कर लिया जिसका आज़ तक कोई पता नहीं चल सका है चीन देश हमेशा से ही दुसरे जगह कब्जा करना अत्याचार करना ही जानता है जिसका दंश पंचेन लामा सहित माता पिता झेल रहे हैं हालांकि तिब्बतियों को पता नहीं है कि चीन ने आखिर कहां रखा है जीवित है कि नहीं फिर भी उनको कैंडल मार्च निकालकर रिहाई हेतु एक संदेश तिब्बतियों ने दिया है।।
11वें पंचेन लामा,1989 में पैदा हुए और 1995 में 14वें दलाई लामा ने उन्हें 11वें पंचेन लामा के रूप में मान्यता दी थी। लेकिन 17 मई 1995 को चीनी सरकार ने उनका अपहरण कर लिया और तब से वे गायब हैं।