कलेक्टर बने किसान,सहकारी बैंक से लाइन में लगकर निकाले पैसे, व्यवस्थाओं का किया अवलोकन
समिति प्रबंधकों को चेतावनी, काम में की लापरवाही तो होगी कड़ी कार्रवाई, कभी भी हो सकती है कलेक्टर की धमक सहकारी बैंक में भी किसान के साथ लाइन में लगकर निकाले पैसे, देखी बैंकिंग व्यवस्था
सरगुजा:सीतापुर:समिति प्रबंधकों के लिए कलेक्टर श्री विलास भोस्कर की चेतावनी है कि यदि धान खरीदी में किसी भी तरह की लापरवाही हुई तो कड़ी कार्रवाई की जायेगी। इसी कड़ी में गुरुवार को एक अनोखा निरीक्षण देखने मिला, जब कलेक्टर स्वयं किसान के भेस में सीतापुर के पेटला स्थित धान खरीदी केंद्र पहुंचे। कलेक्टर श्री विलास भोसकर, सीतापुर एसडीएम श्री रवि राही के साथ बाइक में सवार होकर धान खरीदी केंद्र पहुंचे। उन्होंने सबसे पहले लाइन में लगकर टोकन प्रक्रिया का अवलोकन किया।
कलेक्टर श्री भोसकर लगभग 1 घण्टे पूरे खरीदी केंद्र का भ्रमण करते रहे। समिति प्रबंधक, कर्मचारियों सहित खरीदी केंद्र में उपस्थित किसी ने भी कलेक्टर को इस रूप में नहीं पहचाना। उन्होंने किसानों के साथ कर्मचारियों के व्यवहार का आकलन किया। इसके साथ ही उन्होंने किसानों से भी बात की। वहीं फड़ में धान की तौलाई करवाकर, तौल पत्रक की पोर्टल में ऑनलाइन एंट्री करवाई।
जब सभी को बताया गया कि यह जिले के कलेक्टर श्री विलास भोसकर हैं, सभी भौचक रह गए। कलेक्टर श्री भोसकर ने समिति प्रबंधक को निर्देशित करते हुए कहा कि किसानों को खरीदी केंद्र में किसी भी प्रकार की समस्या ना हो इसका ध्यान रहे। पूरी धान खरीदी प्रक्रिया के दौरान चौकन्ने रहें, कोचियों-बिचौलियों पर निगरानी रखें। किसी भी प्रकार की लापरवाही पर कार्रवाई के लिए तैयार रहें।
धान खरीदी के निरीक्षण के पश्चात कलेक्टर श्री भोसकर सहकारी बैंक सीतापुर पहुंचे। धान बेचने के पश्चात पैसे निकालने लाइन में लगे किसानों के साथ कलेक्टर स्वयं लाइन में लग गए और पूरी प्रक्रिया का अवलोकन किया। उन्होंने एक किसान के खाते से पैसे निकालकर गिनकर देखा। उन्होंने नया पासबुक बनाने हेतु फॉर्म लिया तथा इसके सम्बन्ध में जानकारी ली।
निरीक्षण पश्चात कलेक्टर श्री भोसकर ने किसानों से चर्चा करते हुए बैंक की व्यवस्थाओं के सम्बंध में फीडबैक लिया तथा समस्या के सम्बंध में पूछा। उन्होंने शाखा प्रबंधक को निर्देशित किया कि धान बेचने के उपरांत किसानों के खाते में राशि के अंतरण या अन्य बैंकिंग कार्य में कोई दिक्कत न हो। कर्मचारियों का व्यवहार किसानों के प्रति अच्छा रहे।