chhattisgarhसीतापुर

शहादत की सीख छुट्टी से नहीं… बच्चों के मन में जगनी चाहिए वीर नारायण सिंह की अमर ज्योति

10 दिसंबर को स्थानीय अवकाश घोषित, परिजनों और जागरूक नागरिकों की अपील—“छुट्टी नहीं, बच्चों को बलिदान की प्रेरणा मिले”

The Chalta/शहीद वीर नारायण सिंह के बलिदान दिवस 10 दिसंबर को जिले में स्थानीय अवकाश घोषित कर दिया गया है। प्रशासन द्वारा जारी आदेश के अनुसार इस दिन सभी सरकारी कार्यालय, स्कूल-कॉलेज और शैक्षणिक संस्थान बंद रहेंगे।

आज स्कूल से लौटकर एक छात्रा ने जब अपने घर पर बताया कि “कल स्कूल नहीं जाना है, छुट्टी है,” तो उसके परिजनों ने पुष्टि के लिए परिचितों व पत्रकार मित्रों से संपर्क किया। पुष्टि मिलने के बाद परिजनों ने भावुक होकर कहा कि “ऐसे दिन पर छुट्टी देने के बजाय बच्चों को बिना बस्ता बुलाकर विशेष कार्यक्रम कराए जाते, ताकि शहीद वीर नारायण सिंह का बलिदान बच्चों के मन में जीवंत हो सके।”

उनका कहना है कि सिर्फ अवकाश घोषित कर देना शहीदों के प्रति सच्ची श्रद्धांजलि नहीं, बल्कि उनके संघर्ष और बलिदान की सीख बच्चों तक पहुँचना अधिक आवश्यक है।

पत्रकारों ने भी इस विचार का समर्थन करते हुए कहा कि वे यह बात सरकार तक पहुँचाएँगे। उन्होंने कहा—“जिस बलिदान ने हमारी मातृभूमि की रक्षा की, उसे छुट्टी के रूप में समाप्त होने देना उचित नहीं। बच्चों के हृदय में शहादत की प्रेरणा भरना ही सच्ची श्रद्धांजलि है।”

दशहरा और दीपावली की लंबी छुट्टियों के बाद छात्रों को यह अतिरिक्त अवकाश भले ही खुशी दे, लेकिन समाज का एक बड़ा वर्ग चाहता है कि ऐसे पावन अवसरों को सिर्फ ‘छुट्टी’ तक सीमित न रखा जाए।

पूरे प्रदेश में शहीद वीर नारायण सिंह के बलिदान दिवस पर उन्हें नमन किया जाता है। उनकी शौर्यगाथा आने वाली पीढ़ियों को राष्ट्र प्रेम और साहस की अनमोल सीख देती है।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button