मैनपाट में मधुमक्खी पालन प्रशिक्षण का समापन — किसानों को आत्मनिर्भरता की राह पर बढ़ने का संदेश
सीतापुर विधायक रामकुमार टोप्पो ने ऑनलाइन माध्यम से किया समापन, कहा— “शुद्ध शहद उत्पादन से मजबूत होगी ग्रामीण अर्थव्यवस्था”

The Chalta/मैनपाट इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय, रायपुर के अंतर्गत संचालित कृषि विज्ञान केंद्र, मैनपाट में नेशनल हनी बोर्ड एवं हनी मिशन के सहयोग से आयोजित सात दिवसीय मधुमक्खी पालन प्रशिक्षण का समापन आज दिनांक 15 अक्टूबर 2025 को हुआ।कार्यक्रम का समापन मुख्य अतिथि सीतापुर विधायक माननीय श्री रामकुमार टोप्पो ने ऑनलाइन माध्यम से जुड़कर किया।
माननीय विधायक श्री टोप्पो ने प्रशिक्षण प्राप्त करने वाले कृषक बंधुओं को संबोधित करते हुए कहा कि मधुमक्खी पालन न केवल अतिरिक्त आय का स्रोत है बल्कि यह किसानों को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम है। उन्होंने कहा कि “सीतापुर अंचल में शुद्ध शहद उत्पादन से न केवल किसानों की आर्थिक स्थिति सुदृढ़ होगी, बल्कि क्षेत्र के कृषि उत्पादों की गुणवत्ता में भी वृद्धि होगी।”उन्होंने कृषि विज्ञान केंद्र, मैनपाट द्वारा क्षेत्र में किसानों को नवीनतम तकनीक से जोड़ने के प्रयासों की सराहना की।
कृषि विज्ञान केंद्र के संस्था प्रमुख डॉ. राजेश चौकसे ने स्वागत उद्बोधन में बताया कि कृषि की लगभग 60 से 70 प्रतिशत फसलों का परागण मधुमक्खियों के माध्यम से होता है, जिससे उत्पादकता में वृद्धि होती है। उन्होंने कहा कि सरगुजा जिले में मधुमक्खी पालन की अपार संभावनाएं हैं, इसलिए इच्छुक किसानों के लिए 25 प्रतिभागियों का आवासीय प्रशिक्षण आयोजित किया गया। प्रशिक्षण के दौरान एक दिवसीय शैक्षणिक भ्रमण तथा सैद्धांतिक और प्रायोगिक दोनों प्रकार की कक्षाएँ दी गईं।
AICRP (हनी बी एंड परागण कीट) के प्रमुख वैज्ञानिक डॉ. प्रदीप भगत ने बताया कि प्रशिक्षण में किसानों को मधुमक्खी पालन की नवीनतम तकनीक, कॉलोनी प्रबंधन, रानी मधुमक्खी पालन, रोग एवं परजीवी प्रबंधन तथा वैज्ञानिक विधि से शहद निकालने की विधि सिखाई गई। साथ ही शहद प्रसंस्करण इकाई, विपणन एवं अन्य उत्पादों से संबंधित व्यावहारिक जानकारी भी दी गई।
कार्यक्रम का संचालन प्रशिक्षण प्रभारी डॉ. शमशेर आलम ने किया तथा आभार प्रदर्शन श्री प्रदीप कुमार लकड़ा द्वारा किया गया। कार्यक्रम में वैज्ञानिक डॉ. सूरज चंद पंकज, डॉ. सचिन जायसवाल, अन्य अधिकारी-कर्मचारी एवं 25 प्रशिक्षु किसान उपस्थित रहे।
विधायक का संदेश
“मैं व्यक्तिगत रूप से उपस्थित नहीं हो सका, लेकिन वर्चुअल माध्यम से आप सभी से जुड़कर गर्व महसूस कर रहा हूँ। मधुमक्खी पालन केवल आर्थिक सशक्तिकरण का माध्यम नहीं, बल्कि यह ‘आत्मनिर्भर भारत’ के निर्माण की दिशा में किसानों का प्रेरणादायक कदम है।”
— रामकुमार टोप्पो, विधायक सीतापुर विधानसभा