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सरगुजा में कांग्रेस संगठन सृजन: किसके हाथ आएगी कमान?

चार दिन चली रायशुमारी खत्म — तीन नाम रेस में आगे, अब फैसला दिल्ली दरबार में

The chalta/सीतापुर/सरगुजा कांग्रेस के संगठन सृजन अभियान के तहत सरगुजा जिला अध्यक्ष के चयन को लेकर चार दिन तक चली गहन रायशुमारी मंगलवार को समाप्त हो गई। झारखंड प्रदेश कांग्रेस कमेटी के पूर्व अध्यक्ष राजेश ठाकुर के नेतृत्व में गठित चार सदस्यीय पर्यवेक्षक दल ने जिले के सभी ब्लॉकों का दौरा कर कार्यकर्ताओं, पदाधिकारियों, सामाजिक संगठनों और मीडिया प्रतिनिधियों से वन-टू-वन चर्चा की।

स्थानीय रेस्ट हाउस सीतापुर में रायशुमारी की तस्वीरें

  इस दल में छत्तीसगढ़ प्रदेश कांग्रेस कमेटी के पूर्व अध्यक्ष धनेंद्र साहू, भानुप्रतापपुर विधायक सावित्री मनोज मंडावी, और पूर्व संगठन महामंत्री अमरजीत चावला शामिल थे।

श्री ठाकुर ने बताया कि नए जिलाध्यक्ष के चयन के लिए पार्टी नेतृत्व ने तीन मानदंड तय किए हैं —
1.कांग्रेस की विचारधारा से ओतप्रोत व्यक्ति,
2.आमजन के दुख-दर्द से जुड़ा हुआ कार्यकर्ता, और
3.जनता की समस्याओं के लिए संघर्षशील नेता।

स्थानीय रेस्ट हाउस सीतापुर सूत्रों से मिली जानकारी अनुसार इन्हीं मानदंडों पर आधारित रायशुमारी में पहले स्थान पर श्री पाठक, दूसरे पर श्री नरेन्द्र सिंह छाबड़ा, और तीसरे पर युवा दानिश रफीक का नाम उभरा है। वहीं, कुल छह नामों की सूची राष्ट्रीय नेतृत्व को भेजी जाएगी, जिनमें से किसी एक को सरगुजा जिला कांग्रेस कमेटी की कमान सौंपी जाएगी।

श्री राजेश ठाकुर ने कहा कि “सरगुजा में कांग्रेस का संगठन बेहद मजबूत है, कार्यकर्ताओं में ऊर्जा और निष्ठा दोनों मौजूद हैं। यह टीम आगामी चुनावी अवसरों में पार्टी की उम्मीदों पर खरा उतरेगी।”

पहले स्थान पर हैं श्री पाठक जी बदलाव हुआ तो श्री नरेंद्र सिंह छाबड़ा

चार दिन तक चले इस दौरे में:-

11 अक्टूबर को प्रेसवार्ता और संगठन की प्रारंभिक बैठक,

12 अक्टूबर को सामाजिक संगठनों और अंबिकापुर, लखनपुर ब्लॉकों में चर्चा,

13 अक्टूबर को उदयपुर, लुण्ड्रा, धौरपुर का दौरा और दावेदारों से मुलाकात,

14 अक्टूबर को दरिमा, मैनपाट, बतौली और सीतापुर ब्लॉकों में रायशुमारी तथा मीडिया से चर्चा के बाद संपन्न हुई।

इस दौरान पर्यवेक्षक दल ने स्थानीय मीडिया प्रतिनिधियों से भी राय लेकर जिले में संगठन की जमीनी स्थिति का आकलन किया। झारखंड में इसी तरह के संगठन सृजन अभियान के लगभग दो सप्ताह बाद जिलाध्यक्षों की घोषणा हो चुकी थी। ऐसे में उम्मीद जताई जा रही है कि छत्तीसगढ़ में भी नवंबर में नए जिलाध्यक्षों के नाम सामने आ जाएंगे।

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