मैनपाट के मधुमक्खी पालक कृषकों ने किया अंबिकापुर कृषि महाविद्यालय का अध्ययन भ्रमण
7 दिवसीय प्रशिक्षण के अंतर्गत मिली आधुनिक मधुमक्खी पालन तकनीक की जानकारी

The chalta/सीतापुर/मैनपाट (सरगुजा), 13 अक्टूबर 2025— कृषि विज्ञान केंद्र, मैनपाट द्वारा राष्ट्रीय मधुमक्खी एवं मधु मिशन (NBHM) के अंतर्गत जिले के मधुमक्खी पालक कृषकों के लिए आयोजित सात दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम के दौरान किसानों को अध्ययन भ्रमण के लिए अंबिकापुर स्थित राजमोहिनी देवी कृषि महाविद्यालय एवं अनुसंधान केंद्र / परीक्षेत्रीय कृषि अनुसंधान केंद्र ले जाया गया।
भ्रमण के दौरान अखिल भारतीय समन्वित मधुमक्खी पालन एवं परागण सहायक कीट अनुसंधान परियोजना के मुख्य अन्वेषक डॉ. पी. के. भगत के मार्गदर्शन और डॉ. सचिन जयसवाल के नेतृत्व में किसानों ने मधुमक्खी पालन प्रक्षेत्र का अवलोकन किया।
इस अवसर पर कृषि विज्ञान केंद्र, मैनपाट के वरिष्ठ वैज्ञानिक एवं प्रमुख डॉ. राजेश चौकसे, प्रशिक्षण प्रभारी डॉ. शमशेर आलम (कार्यक्रम सहायक) तथा जिले के 25 कृषक उपस्थित रहे।
भ्रमण के दौरान डॉ. सचिन जयसवाल ने किसानों को मधुमक्खी पालन से जुड़ी नवीनतम तकनीकी जानकारी, मधु प्रसंस्करण इकाई का अवलोकन, प्रायोगिक प्रदर्शन एवं प्रशिक्षण प्रदान किया। उन्होंने किसानों को कालोनी प्रबंधन, रानी मधुमक्खी पालन, रोग एवं परजीवी नियंत्रण, तथा उन्नत उपकरणों के उपयोग जैसी व्यवहारिक जानकारियाँ दीं।
किसानों ने इस अध्ययन भ्रमण को अत्यंत उपयोगी बताते हुए कहा कि इस अनुभव से उन्हें मधुमक्खी पालन के आधुनिक तरीकों को समझने और अपने व्यवसाय में अपनाने में मदद मिलेगी।
भ्रमण में शामिल किसान शरद प्रधान (चलता बरपारा)ने कहा, “हमने पहली बार इतने उन्नत तरीके से मधुमक्खी पालन और मधु प्रसंस्करण इकाई को देखा। इस प्रशिक्षण से हमें अपने गाँव में उत्पादन बढ़ाने के नए उपाय सीखने को मिले।”
इस अवसर पर डॉ. पी. के. भगत ने कहा, “मधुमक्खी पालन केवल एक व्यवसाय नहीं, बल्कि फसलों की उत्पादकता बढ़ाने का एक महत्वपूर्ण साधन है। इस तरह के प्रशिक्षण से किसान आत्मनिर्भर बनते हैं।”