दो साल से छोटे बच्चों को न दें खांसी-जुकाम की दवाएं: स्वास्थ्य मंत्रालय की चेतावनी
डॉक्टर और फार्मेसियों को भी बिना विशेषज्ञ सलाह दवा न देने के निर्देश, स्थानीय चिकित्सकों ने दी जानकारी

नई दिल्ली [The chalta/Raipur], 6 अक्टूबर 2025: भारत सरकार के स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय ने दो वर्ष से कम आयु के बच्चों को खांसी और सर्दी-जुकाम की दवाएं न देने की सख्त चेतावनी जारी की है। मंत्रालय ने कहा है कि यह दवाएं छोटे बच्चों में गंभीर दुष्प्रभाव पैदा कर सकती हैं, जिनमें अत्यधिक नींद, सांस लेने में दिक्कत, हृदयगति में असामान्यता और दुर्लभ मामलों में मृत्यु का जोखिम तक शामिल है।
एडवाइजरी में यह भी कहा गया है कि सामान्य रूप से पाँच वर्ष से कम उम्र के बच्चों को भी ये दवाएं बिना डॉक्टर की सलाह के न दी जाएं।
डॉक्टरों और फार्मेसियों को विशेष निर्देश
सरकार ने देशभर के चिकित्सकों और फार्मेसियों से कहा है कि वे इस आयु वर्ग के बच्चों के लिए बिना विशेषज्ञ परामर्श कोई दवा न दें। फार्मेसियों को चेतावनी दी गई है कि वे बिना डॉक्टर की पर्ची के किसी भी तरह की खांसी-जुकाम की दवा दो वर्ष से कम उम्र के बच्चों को न बेचें।
स्थानीय चिकित्सकों की राय
इस संदर्भ में सीतापुर के वरिष्ठ चिकित्सक डॉ. विनोद कुमार पैंकरा ने कहा, “खांसी-जुकाम की दवाएं छोटे बच्चों के शरीर पर प्रतिकूल असर डाल सकती हैं। कई बार माता-पिता बिना सोचे-समझे बाजार से सिरप ले आते हैं, जो खतरनाक साबित हो सकता है।”
वहीं, विकास खंड चिकित्सा अधिकारी डॉ. एस. एन. पैंकरा सीतापुर ने बताया, “हम सभी चिकित्सकों को सलाह दी गई है कि बच्चों के उपचार में सावधानी बरतें और परिजनों को जागरूक करें। बिना विशेषज्ञ सलाह के किसी भी दवा का प्रयोग नहीं किया जाना चाहिए। फार्मेसियों को भी निर्देश दिए गए हैं कि वे बिना पर्ची ऐसी दवाएं न बेचें।”
अभिभावकों से अपील
स्वास्थ्य मंत्रालय और चिकित्सकों ने अभिभावकों से अपील की है कि वे खांसी या जुकाम की स्थिति में बच्चों को घरेलू उपाय दें, तरल पदार्थों का सेवन कराएं और जरूरी होने पर केवल बाल रोग विशेषज्ञ से सलाह लें।