डांगबुड़ा में अवैध धर्म सभा पर प्रतिबंध, ‘द ग्रेसफुल वेलफेयर सोसायटी’ के पदाधिकारियों पर केस दर्ज
धारा 170, 126, 135(3) के तहत कार्रवाई, तहसीलदार राजापुर ने धर्म सभा पर लगाया प्रतिबंध, जमानत मंजूर

The chalta/सीतापुर (राजापुर), 25 सितम्बर 2025:
ग्राम पंचायत डांगबुड़ा में प्रत्येक रविवार को आयोजित की जा रही कथित धर्म सभा इस सप्ताह विवादों के घेरे में आ गई। ‘द ग्रेसफुल वेलफेयर सोसायटी’ द्वारा 21 सितंबर को बिना वैध अनुमति के धर्म सभा आयोजित किए जाने के मामले में तहसीलदार राजापुर ने सख्त रुख अपनाते हुए कार्यक्रम पर पूर्ण प्रतिबंध लगा दिया है।

इस संबंध में सीतापुर थाना प्रभारी निरीक्षक गौरव पाण्डेय ने ‘द ग्रेसफुल वेलफेयर सोसायटी’ के पदाधिकारियों के विरुद्ध भारतीय दंड संहिता की धारा 170, 126 व 135(3) भा. नाग. स.स. के अंतर्गत कार्रवाई करते हुए उन्हें न्यायालय तहसीलदार राजापुर के समक्ष प्रस्तुत किया।
पंचायत ने उठाई आवाज, ग्रामीणों ने सौंपा ज्ञापन
21 सितंबर को आयोजित धर्म सभा के दौरान जब पंचायत के सरपंच, उप सरपंच व पंचों ने आयोजन कर्ताओं से अनुमति पत्र दिखाने की मांग की, तो वे 22 सितंबर को दस्तावेज दिखाने की बात कहकर टालमटोल करने लगे।
इसके बाद 23 सितंबर को ग्राम पंचायत ने आपात ग्राम सभा आयोजित कर धर्म सभा की वैधता की जांच हेतु सीतापुर पुलिस को पत्र तैयार किया। पंचायत प्रतिनिधियों व ग्रामीणों ने 24 सितंबर को थाना सीतापुर पहुंचकर आधिकारिक रूप से शिकायत दर्ज करवाई।
न्यायालय का निर्णय और पुलिस की कार्रवाई
थाना प्रभारी की रिपोर्ट के आधार पर 25 सितंबर को तहसीलदार राजापुर ने रिपोर्ट पर निर्णय देते हुए आरोपियों को जमानत प्रदान की, साथ ही भविष्य में होने वाली ऐसी किसी भी धर्म सभा पर प्रतिबंध लगा दिया।
धारा 170: भविष्य के अपराधों पर रोक
धारा 170 को पुलिस के लिए एक महत्वपूर्ण अधिकार के रूप में देखा जा रहा है, जो उन्हें भविष्य में संभावित अपराधों को रोकने के लिए गिरफ्तारी का अधिकार देती है। इस मामले में भी पुलिस ने संभावित सामाजिक तनाव या असंतोष को रोकने की मंशा से समय रहते कार्रवाई की।यह घटना स्थानीय शासन और पुलिस के सतर्क रवैये का प्रमाण है, जहां बिना अनुमति और नियमों की अवहेलना करने वालों के विरुद्ध कड़ी कार्रवाई की गई है। साथ ही, यह ग्रामीण समाज में कानूनी प्रक्रिया और सामाजिक जवाबदेही की जागरूकता का संकेत भी है।