मैनपाट में फिर सामने आया जबरन धर्मांतरण का मामला, ग्रामीणों ने महिला को पकड़ा
मांझी समुदाय की बच्चियों को बहला-फुसलाकर चर्च ले जाने का आरोप, प्रशासन पर उठे सवाल

The chalta/सरगुजा, मैनपाट /15 सितंबर 2025:
छत्तीसगढ़ के सरगुजा जिले के मैनपाट ब्लॉक में जबरन धर्मांतरण के मामलों का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है। ताजा मामला ग्राम केसरा से सामने आया है, जहां मांझी समुदाय की नाबालिग बच्चियों को बहला-फुसलाकर चर्च ले जाने का प्रयास किया गया।
इस मामले में एक महिला आरती पर आरोप लगा है कि वह बच्चियों को कथित रूप से लालच देकर ईसाई धर्म अपनाने के लिए प्रेरित कर रही थी। रविवार को मैनपाट के सरभंजा गांव के कुछ जागरूक युवकों ने महिला को बच्चियों के साथ संदिग्ध स्थिति में पकड़ा और मौके पर ही रोककर उससे पूछताछ की। इस पूरी घटना का वीडियो भी बनाया गया, जो अब सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है।
युवाओं का कहना है कि आरोपी महिला गरीब आदिवासी परिवारों को पैसों और सुविधाओं का प्रलोभन देकर धर्मांतरण के लिए प्रेरित कर रही थी। आरोप है कि वह मासूम बच्चियों का ‘माइंड वॉश’ कर उन्हें उनकी पारंपरिक संस्कृति और परंपराओं से दूर कर रही थी।
बताया गया है कि मैनपाट के बरिमा गांव में हर रविवार को एक चर्च संचालित होता है, जहां आसपास के गांवों से ग्रामीणों को बुलाकर प्रार्थना सभाएं कराई जाती हैं।
आदिवासी संस्कृति पर हमला
स्थानीय लोगों और सामाजिक कार्यकर्ताओं का मानना है कि यह घटनाएं केवल आस्था से जुड़ी नहीं हैं, बल्कि आदिवासी समुदाय की पहचान, संस्कृति और सामाजिक ताने-बाने पर सीधा हमला हैं। वे इसे सुनियोजित तरीके से किया जा रहा सांस्कृतिक आक्रमण मान रहे हैं, जो समाज में धार्मिक विभाजन और तनाव को बढ़ावा दे सकता है।
प्रशासन की चुप्पी पर उठे सवाल
ग्रामीणों ने प्रशासन की निष्क्रियता पर भी सवाल उठाए हैं। उनका कहना है कि धर्मांतरण से जुड़े ऐसे कई मामले पहले भी सामने आ चुके हैं, लेकिन अब तक प्रशासन की ओर से कोई सख्त कार्रवाई नहीं की गई है। लोगों का आरोप है कि प्रशासन इस गंभीर मुद्दे को महज “स्थानीय विवाद” मानकर टाल रहा है।
स्थानीय निवासियों ने मांग की है कि इस मामले की उच्चस्तरीय जांच हो और दोषियों के खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई की जाए, ताकि आने वाले समय में ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो।