रायपुर जिले में सुशासन एक्सप्रेस से गांव-गांव तक मिल रही शासन की सेवाएं
रायपुर जिले की सुशासन एक्सप्रेस शासन-प्रशासन की इच्छाशक्ति और नवाचार का उदाहरण बन गई है, जो सुशासन की दिशा में एक अनुकरणीय मॉडल साबित हो रही है...

The chalta/रायपुर। मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय के निर्देश पर जिला प्रशासन द्वारा शुरू की गई अभिनव पहल “सुशासन एक्सप्रेस” आम जनता के लिए वरदान साबित हो रही है। शासन की योजनाओं और सेवाओं को घर-घर तक पहुंचाने के इस मॉडल ने ग्रामीणों को राहत दी है। इसका शुभारंभ 29 मई को सुशासन तिहार के तहत ग्राम भैंसा में आयोजित समाधान शिविर में मुख्यमंत्री ने किया था। कलेक्टर डॉ. गौरव सिंह के मार्गदर्शन में संचालित इस पहल से हजारों ग्रामीण अब घर के समीप ही शासन की दो दर्जन से अधिक सेवाओं का लाभ उठा रहे हैं।
ग्रामीणों ने जताया आभार
ग्राम पंचायत संकरी के युवा उत्तम साहू को जब अपने ही गांव पहुंचे सुशासन रथ से लर्निंग लाइसेंस मिला तो उनके चेहरे पर खुशी झलक उठी। वे बताते हैं कि पहले इस काम के लिए बाहर जाना पड़ता था और समय भी अधिक लगता था, लेकिन अब सारी प्रक्रिया गांव में ही पूरी हो गई। इसी तरह सांकरा के निवासी राजेश कुमार यादव का भी कहना है कि उन्हें अब बार-बार पंचायत कार्यालय के चक्कर नहीं लगाने पड़ रहे। सुशासन रथ के माध्यम से उन्होंने अपना राशन कार्ड बनवाया और पूरा परिवार खुश है। ग्रामीणों ने मुख्यमंत्री श्री साय और जिला प्रशासन के प्रति आभार व्यक्त किया है।
67 हजार से अधिक आवेदनों का निपटारा
सुशासन एक्सप्रेस से अब तक 75,864 आवेदन प्राप्त हुए हैं, जिनमें से 67,788 का त्वरित निराकरण किया जा चुका है। आवेदकों को आय, जाति और निवास प्रमाण पत्र, आयुष्मान कार्ड, राशन कार्ड, ड्राइविंग लाइसेंस, किसान क्रेडिट कार्ड, नरेगा जॉब कार्ड, जन्म-मृत्यु प्रमाण पत्र, श्रम कार्ड, आधार कार्ड, पेंशन, किसान किताब, एचएसआरपी सहित महिला एवं बाल विकास, पुलिस और आवास विभाग की सेवाएं भी उपलब्ध कराई जा रही हैं।
गांव में ही ‘वन-स्टॉप शिविर’
किसी भी गांव में सुशासन एक्सप्रेस पहुंचने से तीन दिन पहले सूचना दी जाती है। मौके पर पटवारी, पंचायत सचिव, स्वास्थ्य दल, आंगनबाड़ी कार्यकर्ता और अन्य विभागों के अधिकारी मौजूद रहते हैं। इस तरह ग्रामीणों को गांव में ही छोटा ‘वन-स्टॉप कैंप’ मिल जाता है।
दूसरे चरण में पहुंच रही सेवाएं
अभनपुर, आरंग, धरसींवा और तिल्दा विकासखंड की 300 से अधिक ग्राम पंचायतों में पहले चरण में सुशासन एक्सप्रेस ने सेवाएं दीं। अब दूसरे चरण की शुरुआत हो चुकी है, जिसमें फिर से अभनपुर, धरसींवा और तिल्दा विकासखंड के ग्रामीण क्षेत्रों में प्रशासन की टीमें गांव-गांव जाकर समस्याओं और आवेदनों का निराकरण कर रही हैं।
कलेक्टर डॉ. गौरव कुमार सिंह ने बताया कि कम खर्च में यह पहल संभव बनाने के लिए जिला प्रशासन ने कंडम हो चुकी चार एंबुलेंस को मरम्मत कर इन्हें मोबाइल सेवा वैन में बदल दिया। इन्हीं वैन के माध्यम से ग्रामीण अंचलों में शासन की योजनाओं का लाभ अंतिम व्यक्ति तक पहुंचाया जा रहा है।
रायपुर जिले की सुशासन एक्सप्रेस शासन-प्रशासन की इच्छाशक्ति और नवाचार का उदाहरण बन गई है, जो सुशासन की दिशा में एक अनुकरणीय मॉडल साबित हो रही है।