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सीतापुर में लकड़ी तस्करी का बढ़ता जाल: पुलिस ने पकड़ी 30 टन यूकेलिप्टस से भरी ट्रक, वन विभाग को सौंपी जांच

इस अवैध तस्करी के नेटवर्क को तत्काल प्रभाव से तोड़ा जाए, अन्यथा आने वाले समय में क्षेत्र की हरियाली पूरी तरह समाप्त हो जाएगी..

The chalta/सीतापुर, 16 अगस्त 2025 | संवाददाता
सीतापुर जिले के ग्रामीण इलाकों में इन दिनों अवैध लकड़ी तस्करी ने गंभीर रूप ले लिया है। यूकेलिप्टस, सेमर सहित कई बहुमूल्य पेड़ों की दिनदहाड़े कटाई कर तस्कर इन्हें उत्तर प्रदेश समेत अन्य राज्यों में खपा रहे हैं। खास बात यह है कि यह सब कुछ बिना किसी वैध परमिशन के, प्रशासन की आँखों के सामने हो रहा है, जिससे शासन-प्रशासन की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े हो रहे हैं।

तस्करों ने पूरे क्षेत्र में अपने दलालों का जाल बिछा रखा है, जो गांव-गांव जाकर पेड़ों की पहचान कर सौदे पक्के करते हैं। बताया जा रहा है कि तस्कर एक बार पुराना परमिशन ले आते हैं और महीनों उसी के आधार पर कटान करते रहते हैं। इससे क्षेत्र की हरियाली को भारी नुकसान हो रहा है।

🌱 हरियाली खत्म, तस्करी जारी
एक ओर जहाँ प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी देशवासियों से ‘माँ के नाम एक पौधा’ लगाने की अपील कर पर्यावरण संरक्षण की अलख जगा रहे हैं, वहीं दूसरी ओर लकड़ी माफिया बेधड़क हरियाली उजाड़ने में लगे हैं। ग्रामीणों का कहना है कि कई इलाकों में प्रतिदिन ट्रकों के जरिए लकड़ियाँ बाहर भेजी जा रही हैं और स्थानीय प्रशासन मूकदर्शक बना हुआ है।

🚨 पुलिस ने की कार्रवाई, 30 टन लकड़ी जब्त
इस तस्करी पर पहली बार किसी बड़ी कार्रवाई में सीतापुर पुलिस को एक बड़ी सफलता मिली। बीती रात थाना क्षेत्र में जाँच के दौरान पुलिस ने एक ट्रक (क्रमांक UP 21 ET 3099) को रोका, जिसमें करीब 30 टन यूकेलिप्टस की लकड़ी लदी हुई थी। पूछताछ में ट्रक चालक कोई भी वैध कागजात प्रस्तुत नहीं कर सका।

थाना प्रभारी गौरव पाण्डे ने जानकारी देते हुए बताया कि, “वाहन को थाने में खड़ा कर लिया गया है। प्रारंभिक जांच में चालक के पास चार माह पुराना परमिशन पत्र मिला है, जो वर्तमान में वैध नहीं माना जाएगा। मामले की सूचना वन विभाग को दे दी गई है। उनकी जांच के उपरांत आगे की विधिक कार्रवाई की जाएगी।”

🛑 प्रशासन की निष्क्रियता पर उठे सवाल
स्थानीय ग्रामीणों और जागरूक नागरिकों ने प्रशासन से मांग की है कि इस अवैध तस्करी के नेटवर्क को तत्काल प्रभाव से तोड़ा जाए, अन्यथा आने वाले समय में क्षेत्र की हरियाली पूरी तरह समाप्त हो जाएगी।

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