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सुप्लगा जरहाडीह में कच्चा मकान पर लिखा दिखाई दिया”बाल: देवो भव:”, करीब से देखने पर स्पष्ट हुआ वह सरकारी स्कूल है.. लेआउट के बाद भी अब तक भवन नहीं ज़िम्मेदार मौन..

प्रधान पाठक ने कहा भवन विहिन होने के कारण 2018 से कच्चे मकान पर रूपये 1000 किराए में स्कूल संचालित है. पहले का भवन ढह गया और लेआउट होने के बाद अब तक भवन नहीं बना है...

The Chalta/ मैनपाट/ सुप्लगा के जरहाडीह में कच्चे के मकान में लिखा दिखाई दिया “बाल: देवो भव:” जाकर देखा तो अंदर दो बच्चों को शिक्षक पढ़ाते दिखे. अंदर के दीवारों पर टंगा देश राज्य और स्थानीय प्रमुखों का तस्वीरें और वहां रखे सरकारी दस्तावेजों को सहेजने को दो पेटियां ये साबित कर दी की यह सरकारी स्कूल भवन है।

प्रधान पाठक से चर्चा पर कहा भवन विहिन होने के कारण 2018 से किराए के मकान में यहां स्कूल संचालित है। पहले का भवन ढह गया और नया लेआउट होने के बाद भी अब तक भवन नहीं बना। यहां 12 बच्चे और मेरे साथ एक शिक्षक और हैं। 1000 रुपए किराए में यहां स्कूल संचालित है। समय समय पर मकान मालिक मरम्मत कर देता है , साथ ही शाला प्रबंधन निधि इत्यादि का भी उपयोग करते हैं। टॉयलेट भी जर्जर हालत में है। हमारे आला अधिकारियों को भी यहां के वस्तु स्थिति के बारे में जानकारी है।

आज देश के प्रधान मंत्री अपने नागरिकों को भी आवास देकर कच्चे मकान से पक्के मकान की ओर लेकर जा रहे हैं, लेकिन  मैनपाट विकास खण्ड के जिम्मेदार जनप्रतिनिधि और अधिकारी स्कूली बच्चों को पक्के मकानों से वंचित कर कच्चे मकान में बैठने को मजबूर कर दिए हैं।

मैनपाट विकास खण्ड को ज़िम्मेदार आला अधिकारी दुधारू गाय समझ कर दूह कर चल देते हैं परंतु तकलीफ़ तो जनता को उठानी पड़ती है। SSSVR के तर्ज़ पर कार्य कर रहे सीतापुर विधायक रामकुमार टोप्पो को अब डॉक्यूमेंट्री फिल्म छोड़ इन जगहों को जाकर देखने की जरूरत है, यहां आपके शिक्षा और विकास खतरे में है। कौन इसका ज़िम्मेदार है संज्ञान लेने की जरूरत है। गर कोई विकसित भारत की कल्पना को नाकाम करने की कोशिश कर रहा है तो उस पर कार्यवाही की जरूरत है।

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