मटकी फोड़ी, दिल जीते: मैनपाट में कृष्ण जन्माष्टमी की भव्य धूम, सीतापुर की टीम बनी विजेता, भंवराडांड की युवतियों ने रचा इतिहास”
भक्ति और उत्सव का अद्भुत संगम,मैनपाट में हुआ यह आयोजन सांस्कृतिक पुनर्जागरण का प्रतीक बनकर उभरा है...

मैनपाट, 17 अगस्त 2025 — मैनपाट ब्लॉक ने इस बार श्रीकृष्ण जन्माष्टमी को महज़ एक धार्मिक पर्व नहीं, बल्कि भक्ति, समरसता और सामूहिक उत्साह के अद्भुत उत्सव में बदल दिया। यादव समाज द्वारा आयोजित इस भव्य आयोजन में हज़ारों लोगों की सहभागिता ने पूरे क्षेत्र को भक्तिमय वातावरण में रंग दिया।
कार्यक्रम में सीतापुर विधायक श्री रामकुमार टोप्पो बतौर मुख्य अतिथि उपस्थित रहे। उनके साथ जनप्रतिनिधियों और सामाजिक कार्यकर्ताओं की उपस्थिति ने आयोजन को गरिमा और नेतृत्व का स्पर्श दिया।
विशाल रैली से हुई शुरुआत: जयकारों से गूंज उठा मैनपाट
कार्यक्रम की शुरुआत यादव समाज द्वारा निकाली गई विशाल रैली से हुई, जिसमें बाइक और पैदल दोनों ही माध्यमों से लोगों ने भाग लिया। भगवान श्रीकृष्ण की झांकी के साथ निकली इस शोभायात्रा में “जय श्रीकृष्ण, जय यादव, जय माधव” के नारों से पूरा मैनपाट क्षेत्र गूंज उठा। युवाओं में गजब का उत्साह देखने को मिला।
मटकी फोड़ प्रतियोगिता बनी आकर्षण का केंद्र
जन्माष्टमी उत्सव की सबसे प्रतीक्षित और रोमांचक कड़ी रही विधानसभा स्तरीय मटकी फोड़ प्रतियोगिता। क्षेत्र की विभिन्न टीमों ने भाग लिया और अपने कौशल व समर्पण का प्रदर्शन किया।
सीतापुर की टीम ने शानदार समन्वय और जोश के साथ मटकी फोड़ प्रतियोगिता में प्रथम स्थान हासिल कर सबका दिल जीत लिया।प्रतियोगिता का सबसे खास पल तब आया जब भंवराडांड की युवतियों की टीम ने शानदार प्रयास कर तीसरा स्थान हासिल किया। यह टीम आकर्षण का केंद्र रही और दर्शकों से खूब सराहना पाई।
महिलाओं की भागीदारी ने यह साबित कर दिया कि अब पर्व केवल पुरुषों तक सीमित नहीं, बल्कि हर वर्ग और समुदाय की सक्रिय भागीदारी का पर्व बन चुका है।
विधायक टोप्पो ने दी शुभकामनाएँ, बढ़ाया उत्साह
मुख्य अतिथि विधायक रामकुमार टोप्पो ने भगवान श्रीकृष्ण के जन्मोत्सव की सभी को बधाई देते हुए कहा:
“ऐसे आयोजन समाज में ऊर्जा, एकता और सांस्कृतिक चेतना का संचार करते हैं। युवाओं, महिलाओं और बच्चों की सहभागिता देखकर गर्व होता है। यादव समाज की इस पहल के लिए मैं बधाई देता हूं।”
उन्होंने प्रतिभागियों का उत्साहवर्धन करते हुए कहा कि आने वाले वर्षों में यह आयोजन और भी भव्य रूप लेगा।
श्रद्धा, संस्कृति और सामूहिकता का संगम
कार्यक्रम में पूजा-अर्चना, भजन-कीर्तन, सांस्कृतिक प्रस्तुतियाँ और विभिन्न सामाजिक संगठनों की सहभागिता ने आयोजन को यादगार बना दिया। महिलाएं, बच्चे, बुजुर्ग — हर कोई किसी न किसी रूप में आयोजन से जुड़ा रहा। आयोजन की हर झलक में भक्ति और उत्सव का अद्भुत संगम देखने को मिला।
परंपरा में आधुनिकता का समावेश
इस वर्ष की श्रीकृष्ण जन्माष्टमी ने यह स्पष्ट किया कि धार्मिक आयोजन केवल रीति-रिवाज नहीं, बल्कि सामाजिक एकजुटता, प्रतिभा और सांस्कृतिक जागरूकता के माध्यम भी हैं। मैनपाट में हुआ यह आयोजन सांस्कृतिक पुनर्जागरण का प्रतीक बनकर उभरा है।