आपने प्यार में तो बहुत कुछ बनाते बनते देखा होगा.. यहां पिता ने बेटे के याद में बनाया सुंदर गार्डन.. ठहरने की भी व्यवस्था..
देवगढ़ और चोरकीपानी होते हुए आप पटेरपानी आसानी से पहुंच सकते हैं...

The chalta/पिता ने बेटे के याद में बनाया एक सुंदर गार्डन, नाम है ईश्वर गार्डन जहाँ लगभग 3 एकड़ भूमि में 50 प्रकार के पेड़ पौधे लगाए है, जो आकर्षण का केंद्र है, दरसल सरगुजा जिले के देवगढ़ पटेरपानी में एक शिक्षक जो सेवा से रिटायर हो चुके हैं। पटेरपानी पहाड़ी क्षेत्र है ऐसे में आप सोच रहे होंगे कि इस पहाड़ी इलाके मे एक सेवानिवृत्त शिक्षक को आखिर गार्डन बनाने का क्या शौक था।
आइए जानते हैं क्या है वह बात जो सेवानिवृत्त शिक्षक संत कुमार को जंगल में सुंदर गार्डन बनाने को मजबूर कर दिया। 21 वर्षीय बेटा ईश्वरचंद विद्यासागर सिंह पैकरा देवगढ़ के पहाड़ों पर बने मकान में अकेले रहता था और पढाई करने के साथ–साथ वह खूब आज्ञाकारी लड़का था। 26 जनवरी 2004 को संत कुमार अपने बेटे से आखरी भेंट कर पहाड़ जंगल से निचे गांव गये, चुकीं उसके बाद दो तीन दिन वहां किसी कारण वश संत कुमार नहीं जा सके, जब गये तो उन्होंने अपने बड़े बेटे को जीवित नही पाया । जिसका दुःख संत कुमार को आज भी है ऐसे में संत कुमार ने बेटे कि मौत के बाद यादगार के लिए बेटे के नाम पर ईश्वर गार्डन का निर्माण किया है। यहां ठहरने की भी व्यवस्था है। आपको पिकनिक मनाने के लिए बर्तन भी मिल जायेंगे।