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मंत्रालय का अधिकारी बताकर पत्थलगांव SDOP ध्रुवेश जायसवाल ने..150 करोड़ से अधिक की धोखाधड़ी करने वाले बंटी–बबली को फि़ल्मी स्टाईल में दिल्ली से….

अभियुक्तों के द्वारा उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र , दिल्ली, व छत्तीसगढ़ राज्य में विभिन्न व्यावसायिक संस्थाओं से 150 करोड़ रुपए से अधिक की धोखाधड़ी की गई है। जिसमें अभियुक्तों के विरुद्ध विभिन्न राज्यों में 12 से अधिक प्रकरण भी दर्ज हैं..

पत्थलगांव/20 अप्रैल 25 को प्रार्थी अमित कुमार अग्रवाल, पत्थलगांव ने थाना पत्थलगांव में रिपोर्ट दर्ज कराया था कि उसके साथ राष्ट्रीय ग्रामीण साक्षरता मिशन नई दिल्ली की डायरेक्टर अनीता उपाध्याय व उनके साथी सौरभ सिंह, रत्नाकर उपाध्याय, व प्रांशु अग्रवाल के द्वारा राष्ट्रीय ग्रामीण साक्षरता मिशन के नाम से स्वेटर सप्लाई करने हेतु ,5 करोड़ 70 लाख रु की ठगी की गई है। रिपोर्ट पर थाना पत्थलगांव में बी एन एस की धारा 316(2)(5),318(4), 336(1)(3), 338, 340(2), 341(1), 346 व 61(2) के तहत अपराध पंजीबद्ध जांच विवेचना में लिया गया।

 विवेचना के दौरान मामले की गंभीरता को देखते हुए वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक जशपुर शशि मोहन सिंह के द्वारा, एस डी ओ पी पत्थलगांव धुर्वेश कुमार जायसवाल के नेतृत्व में एक पुलिस टीम गठित कर आरोपियों की पता साजी हेतु दिल्ली रवाना की गई। वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक जशपुर के द्वारा पुलिस टीम की लगातार मॉनिटरिंग की जा रही थी।

 कैसे पहुंची पुलिस आरोपियों तक:पुलिस की टीम दिल्ली में दो दिनों तक कैंप लगाकर, लगातार अभियुक्तों की पातासाजी कर रही थी,इस प्रकरण के चारों अभियुक्त इतने शातिर थे, कि वे आपस में वाईफाई के माध्यम से व्हाट्सएप्प कॉलिंग के द्वारा ही बात करते थे , व अपने मोबाइल फोन को अधिकांशतः बंद रखते थे, जिससे कि उन्हें ट्रेस करना पुलिस के लिए मुश्किल हो रहा था, इसी दौरान राष्ट्रीय ग्रामीण साक्षरता मिशन की ट्रस्टी अनीता उपाध्याय का एक मोबाइल नंबर कुछ देर के लिए चालू हालत में मिला, जिससे वह अपने कस्टमरों से बात रही थी,। पुलिस ने उसी नंबर से अनिता उपाध्याय से कस्टमर बन, खुद को मंत्रालय का अधिकारी बताकर,1000 करोड़ रूपए की ऑर्डर दिलवाने का लालच दिया गया, व मीटिंग हेतु होटल ताज चाणक्यपूरी दिल्ली में बुलाया, अनिता उपाध्याय इतनी शातिर थी, कि शुरू में मीटिंग के लिए तैयार नहीं हो रही थी,वह दो दिनों तक पुलिस को गुमराह करती रही, पुलिस के द्वारा अनिता उपाध्याय से बार बार संपर्क कर उसे विश्वास में लिया गया,अंततः पुलिस की कोशिश रंग लाई और वह होटल ताज में मीटिंग हेतु राजी हो गई, होटल ताज में पुलिस का एक अधिकारी सादी वर्दी में , व एक स्थानीय मॉडल को हायर कर, तत्काल नया कोट पेंट खरीदकर पहनाया गया व उसे अपना असिस्टेंट बताकर अनीता उपाध्याय से मिलवाया गया। जिससे कि अनिता उपाध्याय को कोई शक न हो।

पुलिस ने अत्यंत ही प्रोफेशनल तरीके से अनिता उपाध्याय से बातचीत कर उसे विश्वास में ले लिया कि वे मंत्रालय के अधिकारी है, व 1 हजार करोड़ रूपए का ऑर्डर दिलवा सकते हैं, लेकिन इसके लिए उन्हें, उनके बॉस रत्नाकर उपाध्याय से उन्हें मिलवाना पड़ेगा,। जिस पर विश्वास में आ कर अनिता उपाध्याय ने मुख्य अभियुक्त रत्नाकर उपाध्याय को, उसके एक अत्यंत गोपनीय मोबाइल नंबर पर काल कर, मीटिंग के संबंध में बताया गया, इसी दौरान पुलिस की टेक्निकल टीम, जो कि अनिता उपाध्याय के मोबाइल नंबर पर लगातार नजर रख रही थी, के द्वारा दूसरे अभियुक्त रत्नाकर उपाध्याय को ट्रेस कर लिया गया व दिल्ली स्थिति जशपुर पुलिस की टीम उसकी धर पकड़ हेतु रवाना हुई, अभियुक्त रत्नाकर उपाध्याय इतना शातिर था, वह टैक्सी बुक कर ,मोबाइल फोन को ऑन रखकर, लगातार अपना लोकेशन बदल रहा था, पुलिस की टीम जब पहले लोकेशन पर पहुंचती, उससे पहले वह दूसरे लोकेशन पर पहुंच जाता था, इस दौरान वह दिल्ली के कई जगहों पर लोकेशन बदलता रहा, पुलिस टीम लोकेशन ट्रेस कर लगातार पीछा करती रही, अंततः पुलिस सागरपुर (दिल्ली) में मेडिकल स्टोर के पास अभियुक्त रत्नाकर उपाध्याय को पकड़ने में सफल हुई। पुलिस के द्वारा जब अभियुक्त रत्नाकर उपाध्याय को अपना आइडेंटिटी कार्ड दिखाया गया, तब अभियुक्त रत्नाकर उपाध्याय के द्वारा पुलिस की गिरफ्त से बचने हेतु, मेरा अपहरण किया जा रहा है कहते हुए, आस पास के लोगों को चिल्लाकर इकट्ठा किया गया था, जिस पर जशपुर पुलिस की टीम के द्वारा तत्काल निकटतम दिल्ली पुलिस के थाने में सूचित किया गया,इस दौरान दिल्ली पुलिस के घटना स्थल में पहुंचते तक एस डी ओ पी पत्थलगांव श्री धुर्वेश कुमार जायसवाल के द्वारा अभियुक्त रत्नाकर उपाध्याय को अपने गिरफ्त में पकड़कर रखा गया था, पुलिस की गिरफ्त से बचने हेतु मुख्य अभियुक्त रत्नाकर उपाध्याय व उसकी पत्नी के द्वारा एस डी ओ पी पत्थलगांव के ऊपर लगातार हाथ मुक्का से हमला किया जा रहा था। अभियुक्त अनिता उपाध्याय को भी होटल ताज से हिरासत में ले लिया गया तथा दिल्ली से गिरफ्तार कर ट्रांजिट रिमांड पर वापस लाया गया है।

मुख्य अभियुक्त रत्नाकर उपाध्याय के द्वारा कस्टमर व्यावसायिक प्रतिष्ठानों से धोखा धड़ी करने के लिए वर्ष 2023 में ही संस्था के डायरेक्टर व को फाउंडर पद से अपना इस्तीफा दे दिया गया था व अपनी जगह अभियुक्त अनिता उपाध्याय को संस्था का डायरेक्ट नियुक्त किया गया था, परंतु आंतरिक रूप से संस्था का संचालन मुख्य अभियुक्त रत्नाकर उपाध्याय के द्वारा ही किया जाता था,जब धोखा धड़ी के संबंध में कस्टमर व्यावसायिक प्रतिष्ठानों के द्वारा अभियुक्त रत्नाकर उपाध्याय से संपर्क किया जाता था तो उसके द्वारा बताया जाता था कि, उसने संस्था के डायरेक्टर पद से इस्तीफा दे दिया है, मामले के संबंध में डायरेक्टर अनिता उपाध्याय से संपर्क करे, जब कस्टमरों के द्वारा अभियुक्त अनिता उपाध्याय से संपर्क किया जाता था, तो उसके द्वारा बताया जाता था कि उक्त मामला पूर्व डायरेक्टर रत्नाकर उपाध्याय से संबंधित है, इसमें वह कुछ नहीं कर सकती है, इस प्रकार दोनो मिली भगत कर व्यावसायिक प्रतिष्ठानों को गुमराह करते हुए ठगी करते थे। मामले में संलिप्त दो अभियुक्त फरार है, जिसकी पुलिस के द्वारा पतासाजी की जा रही है, जिन्हें भी शीघ्र गिरफ्तार कर लिया जाएगा।

विवेचना दौरान पुलिस की पूछताछ में जो जानकारी सामने आई है उसके अनुसार अभियुक्तों के द्वारा के वर्ष 2021 में लखनऊ से राष्ट्रीय ग्रामीण साक्षरता मिशन, का झुग्गी झोपड़ी एवं ग्रामीण स्तर पर गरीब बच्चों को पढ़ने लिखाने एवं स्कूल बैग ,ड्रेस स्वेटर जैसे अन्य सुविधाएं उपलब्ध कराने के उद्देश्य से संस्था रजिस्टर कराया गया था, जिसकी डायरेक्ट अनिता उपाध्याय, रत्नाकर उपाध्याय व को फाउंडर, सौरभ सिंह बने, जिनका छत्तीसगढ़, उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र समेत कुल 15 राज्यों में कार्यक्षेत्र था।

इनके द्वारा लोकल एजेंटों के माध्यम से राष्ट्रीय ग्रामीण साक्षरता मिशन में माल सप्लाई में अच्छे लाभ का लालच देकर, वेंडरों को झांसे में लेकर उनसे 25 लाख रुपए सिक्युरिटी मनी, डीडी के रूप में व 50हजार रुपए प्रोसेसिंग चार्ज व कार्य दिलाने के नाम पर 10- 10 लाख रुपए नगद अलग से लिए जाते थे।

इसी दौरान इनके द्वारा लोकल एजेंट प्रांशु अग्रवाल के माध्यम से पत्थलगांव निवासी प्रार्थी अमित अग्रवाल से CSR फंड से प्राप्त राशि से माल सप्लाई में अच्छा फायदा का प्रलोभन देकर 25 लाख रुपए सिक्योरिटी मनी ₹50000 प्रोसेसिंग चार्ज और विंडो से काम दिलाने के नाम पर 15 लाख रुपए नगद लिया गया था और अमित अग्रवाल से 5 करोड़ 70 व टी बर्ड इंटर प्राईजेज बिलासपुर तथा पूर्णिमा ट्रेडिंग रायगढ़ से क्रमशः 5 करोड़ 70 लाख इस प्रकार कुल 17 लाख 10 करोड़ रूपए का माल सप्लाई कराकर छल पूर्वक चेक प्रदाय किया गया है।

अभियुक्तों के द्वारा वेंडर्स को झांसे में लेने के लिए जो बुकलेट दिया जाता था, उसमें इनके द्वारा तीन वर्ष में 600करोड़ रुपए से अधिक का टर्न ओवर बताया जाता था। जबकि पुलिस की जांच में पता चला है कि संस्था को CSR मद से गरीब बच्चों को शिक्षा दिलाने हेतु आवश्यक सामग्री प्रदाय करने के नाम पर 02 वर्षों में कुल 140करोड़ रुपए ही प्राप्त, जबकि इस वर्ष डिमांड 130 करोड़ रुपए का था।

पुलिस की जांच में पता चला है, कि अभियुक्तों के द्वारा उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र , दिल्ली, व छत्तीसगढ़ राज्य में विभिन्न व्यावसायिक संस्थाओं से 150 करोड़ रुपए से अधिक की धोखाधड़ी की गई है। जिसमें अभियुक्तों के विरुद्ध विभिन्न राज्यों में 12 से अधिक प्रकरण भी दर्ज हैं।

विवेचना के दौरान पुलिस को पता चला है कि मुख्य अभियुक्त रत्नाकर उपाध्याय के पास अवैध आर्थिक गतिविधियों से कमाए रुपयों से लखनऊ में 24 फ्लैट, दिल्ली में 2फ्लैट, जिनकी कीमत लगभग 40करोड़ रुपए है, साथ ही ढाई करोड़ रूपए के रेंज रोवर गाड़ी भी है। पुलिस के द्वारा मामले के सभी अभियुक्तों की संपत्तियों के संबंध में भी जानकारी इकट्ठा की जा रही है, जिसके संबंध में अग्रिम वैधानिक कार्यवाही की जावेगी।

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