जीका वायरस एक बार फिर से डरा रहा, प्रेग्नेंट महिलाओं को खतरा ज्यादा,केंद्र सरकार ने बुधवार को सभी राज्यों के लिए एडवाइजरी जारी किया
देश में एक बार फिर जीका वायरस के मामले मिलने से हड़कंप मचा हुआ है. मच्छरों ने महामारी फैलानी शुरू कर दी है, कहीं मलेरिया, कहीं डेंग्यू और कहीं जीका वायरस के प्रकोप की खबरें मिल रही हैं. प्राप्त खबरों के अनुसार पिछले दिनों जीका वायरस के कुछ रोगी पुणे (महाराष्ट्र) के अस्पताल में इलाज करवा रहे हैं. चूंकि यह संक्रमित बीमारी है।।
the chalta news:बरसात के मौसम में इसका खतरा ज्यादा होता है। जीका एक वायरल इंफेक्शन है और इससे प्रेग्नेंट महिलाओं को सबसे ज्यादा नुकसान हो सकता है। ऐसे में सभी लोगों को इस वायरस से बचने की कोशिश करनी चाहिए और लक्षण दिखने पर डॉक्टर से मिलना चाहिए।मच्छर के काटने से फैलता है वायरस जीका वायरस संक्रमित एडीज मच्छर के काटने से फैलता है और बारिश में इसका खतरा बढ़ जाता है।प्राप्त खबरों के अनुसार पिछले दिनों जीका वायरस के कुछ रोगी पुणे (महाराष्ट्र) के अस्पताल में इलाज करवा रहे हैं. चूंकि यह संक्रमित बीमारी है।
- डेंगू और चिकनगुनिया की तरह जीका एक वायरल इंफेक्शन होता है. इससे संक्रमित होने पर लोगों को बुखार, सिरदर्द, जॉइंट पेन, मसल्स पेन, आंखें लाल होना और स्किन पर रैशेस जैसे लक्षण नजर आते हैं।जीका वायरस मच्छर काटने के 2 से 7 दिन के अंदर संक्रमण पैदा कर देता है और कई मामलों में इसके भी लक्षण नजर नहीं आते हैं। इसलिए चेकअप जरूरी होता है.इसकी कोई सटीक दवा या वैक्सीन नहीं हैजीका वायरस की कोई सटीक दवा या वैक्सीन नहीं है। अधिकतर मामलों में सिम्प्टमेटिक ट्रीटमेंट के जरिए लोग 8-10 दिनों में रिकवर हो जाते हैं।
हालांकि सही समय पर इलाज न कराने से कंडीशन सीरियस हो सकती है और इससे लोगों की जान भी जा सकती है। ऐसे में इसे लेकर किसी भी तरह की लापरवाही न बरतें।लक्षण दिखने पर तुरंत लें डॉक्टर की सलहजीका वायरस से बचने का सबसे अच्छा तरीका मच्छरों से बचाव करना है।मच्छर न सिर्फ आपको जीका वायरस से संक्रमित कर सकते हैं, बल्कि डेंगू, मलेरिया और चिकनगुनिया का खतरा भी बढ़ा सकते हैं। अगर किसी व्यक्ति को जीका वायरस का इंफेक्शन हो, तो उससे दूरी बनाएं। इसके अलावा अगर बुखार, सिरदर्द, मसल्स में दर्द या आंखों में परेशानी हो, तो तुरंत डॉक्टर से मिलकर अपना ब्लड टेस्ट कराएं।
केंद्र सरकार ने बुधवार को सभी राज्यों के लिए एडवाइजरी जारी की है। ये एडवाइजरी हाल में महाराष्ट्र में पाए गए जीका वायरस को लेकर जारी की गई है। सरकार ने सभी राज्यों से आग्रह किया है कि वे अपने यहां प्रेग्नेंट महिलाओं में इस वायरल की जांच के जरिए निरंतर निगरानी बनाए रखें। केंद्र ने राज्यों को यह भी सलाह दी है कि वे गर्भवती महिलाओं में संक्रमण की जांच करके और जीका के लिए पॉजिटिव टेस्ट पाए जाने वाली गर्भवती महिलाओं के भ्रूण के विकास पर निगरानी भी निरंतर बनाए रखें।
एडवाइजरी में कहा गया, “राज्यों से यह भी अनुरोध किया जाता है कि वे समाज के बीच डर को कम करने के लिए सोशल मीडिया और अन्य प्लेटफार्मों पर एहतियाती आईईसी संदेशों (IEC messages) के माध्यम से जागरूकता को बढ़ावा दें, क्योंकि जीका किसी भी अन्य वायरल संक्रमण की तरह है, जिसके अधिकांश मामले लक्षणहीन और हल्के होते हैं। हालाँकि, इसे माइक्रोसेफली से जुड़ा हुआ बताया जाता है, लेकिन 2016 के बाद से देश में जीका से जुड़े माइक्रोसेफली की कोई रिपोर्ट नहीं आई है।”
मंत्रालय ने एडवाइजरी में आवासीय क्षेत्रों, कार्यस्थलों, स्कूलों, निर्माण स्थलों, संस्थानों और स्वास्थ्य सुविधाओं में कीट विज्ञान निगरानी (entomological surveillance) को मजबूत करने और वेक्टर नियंत्रण गतिविधियों (vector control activities) को तेज करने के महत्व पर भी जोर दिया है। वायरस का समय पर पता लगाने और नियंत्रण के लिए, राज्य प्राधिकारियों को सतर्क रहने, तैयार रहने और सभी स्तरों पर उपयुक्त रसद की उपलब्धता सुनिश्चित करने की सलाह दी गई है।