अन्नदाता की पुकार अनसुनी, खसरा-रकबा त्रुटियों ने छीना किसानों का हक
धान खरीदी केंद्रों में दर-दर भटक रहे किसान, समय रहते समाधान नहीं हुआ तो आंदोलन की चेतावनी

The Chalta/खेतों में पसीना बहाकर अन्न उगाने वाला किसान आज खुद अपने हक के लिए भटकने को मजबूर है। सीतापुर क्षेत्र के राघपुर, पेटला, केरजू, भभू, गोरसा, सीतापुर, आमाटोली और बंदना धान खरीदी केंद्रों में खसरा और रकबा की त्रुटियों ने किसानों की उम्मीदों पर पानी फेर दिया है।
किसानों ने ई-केवायसी, पंजीयन और अन्य सभी औपचारिकताएं पूरी कर लीं, लेकिन फिर भी पोर्टल पर रकबा अपडेट नहीं हुआ। नतीजा यह कि धान लेकर केंद्रों तक पहुंचे अन्नदाता खाली हाथ लौटने को मजबूर हैं। घर में रखा धान सड़ने लगा है, कर्ज का बोझ बढ़ रहा है और परिवार की चिंता किसानों की आंखों से छलक रही है।

इस पीड़ा से आहत किसानों ने अनुविभागीय अधिकारी राजस्व, सीतापुर को आवेदन सौंपकर गुहार लगाई है कि जल्द से जल्द खसरा-रकबा का सुधार कर टोकन जारी किए जाएं, ताकि वे सम्मान के साथ अपनी उपज बेच सकें।

किसानों का कहना है कि यदि उनकी इस वेदना को अब भी नजरअंदाज किया गया, तो वे मजबूर होकर आंदोलन का रास्ता अपनाएंगे। 22 दिसंबर को चलता कापू चौक पर चक्का जाम की चेतावनी दी गई है। किसानों ने साफ कहा है कि किसी भी अप्रिय स्थिति की जिम्मेदारी पूरी तरह प्रशासन और संबंधित विभागों की होगी।



