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धान पंजीयन में अव्यवस्था पर सर्व आदिवासी समाज नाराज़, छह सूत्रीय मांगों को लेकर सौंपा ज्ञापन
किसानों की समस्याएँ दूर न होने पर बड़े आंदोलन की चेतावनी, रकबा सुधार से लेकर गिरदावली अपडेट तक त्वरित कार्रवाई की मांग

The Chalta/सीतापुर, सरगुजा/सर्व आदिवासी समाज, ब्लॉक इकाई सीतापुर ने किसानों को धान पंजीयन और धान विक्रय में हो रही गंभीर समस्याओं को लेकर मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय के नाम एक ज्ञापन एसडीएम कार्यालय में सौंपा। समाज के अध्यक्ष सुशील मरावी ने कहा कि लगातार बढ़ती अव्यवस्थाओं से किसान परेशान हैं, और यदि समस्याओं का शीघ्र समाधान नहीं होता है तो व्यापक आंदोलन किया जाएगा।

संगठन ने उठाए ये छह प्रमुख मुद्दे
- एग्रीस्टेक पोर्टल पर पंजीयन में देरी:
किसानों द्वारा कई दिनों से प्रयास के बावजूद पंजीयन सही ढंग से नहीं हो पा रहा है, जिससे हजारों किसान प्रभावित हैं। - गिरदावली अपडेट में लापरवाही:
समय पर गिरदावली अपडेट न होने से किसानों का धान बेचने का अधिकार प्रभावित हुआ है। कई किसानों की जमीन का रकबा कम दर्ज हो रहा है। - पटवारियों पर उदासीनता का आरोप:
संगठन का कहना है कि कई क्षेत्रों में पटवारियों ने गिरदावली का कार्य ठेके पर करवाया है, जो अधूरा है। इसके चलते किसानों को चक्कर लगाने पड़ रहे हैं। - वन भूमि व शासकीय भूमि का रकबा में समावेश:
वन भूमि पट्टा और शासकीय भूमि पट्टा को रकबा में शामिल न करने से किसान लाभ से वंचित हो रहे हैं। - धान खरीदी का आधार वर्ष 2024-25 रखा जाए:
सहकारी समितियों में धान खरीदी पूर्व वर्ष के आधार पर करने की मांग की गई है। - रकबा सुधार पूर्ण होने के बाद ही हो खरीदी:
संगठन का कहना है कि किसानों के रकबा सुधार कार्य पूर्ण होने के बाद ही 2025-26 की धान खरीदी शुरू की जाए।

संगठन की चेतावनी
सर्व आदिवासी समाज ने स्पष्ट किया है कि यदि किसानों की समस्याओं का त्वरित निराकरण नहीं किया गया, तो समाज के लोग बड़े पैमाने पर आंदोलन, प्रदर्शन और चक्काजाम करने को बाध्य होंगे।



