सीतापुर: हाथी हमलों के खिलाफ 9 सूत्रीय मांगों को लेकर पूर्व मंत्री अमरजीत भगत का धरना प्रदर्शन, कहा—समय पर कार्रवाई नहीं हुई तो होगा उग्र आंदोलन
वन विभाग के अनुविभागीय अधिकारी को ज्ञापन सौंपा गया...

The Chalta/सीतापुर /10 सितम्बर 2025 छत्तीसगढ़ के सीतापुर क्षेत्र में बढ़ते मानव-वन्यजीव संघर्ष और हाथी हमलों से त्रस्त ग्रामीणों के समर्थन में पूर्व मंत्री अमरजीत भगत ने बुधवार को अपने समर्थकों के साथ जोरदार धरना प्रदर्शन किया। यह प्रदर्शन क्षेत्रीय समस्याओं और प्रभावित परिवारों को न्याय दिलाने की मांग को लेकर किया गया। धरना स्थल पर बड़ी संख्या में ग्रामीण, कांग्रेस कार्यकर्ता और सामाजिक संगठनों के प्रतिनिधि शामिल हुए।
पूर्व मंत्री ने प्रशासन को ज्ञापन सौंपते हुए 9 सूत्रीय मांगों को तत्काल पूरा करने की चेतावनी दी। उन्होंने स्पष्ट रूप से कहा कि यदि समय पर उचित कार्यवाही नहीं की गई, तो आंदोलन को उग्र और प्रदेशव्यापी रूप दिया जाएगा।
ये हैं पूर्व मंत्री भगत की 9 प्रमुख मांगें:
- हाथी हमलों में मृतकों के परिजनों को 24 घंटे के भीतर ₹25 लाख मुआवजा और परिवार के एक सदस्य को योग्यता के अनुसार सरकारी नौकरी।
- खड़ी फसल को नुकसान पहुंचने पर किसानों को दोगुना मुआवजा।
- मकानों को नुकसान होने की स्थिति में मौके पर सर्वे कर उचित मुआवजा राशि का भुगतान।
- हाथी टकराव रोकने के लिए गांवों में पर्याप्त रोशनी की व्यवस्था, जिसमें सोलर लाइट्स, स्ट्रीट लाइट और हाई मास्ट लाइट शामिल हों।
- वन विभाग द्वारा ग्रामीण क्षेत्रों में कैंप लगाकर जनजागरूकता अभियान चलाया जाए।
- पीड़ित परिवारों को समुचित चिकित्सा सुविधा एवं पुनर्वास व्यवस्था प्रदान की जाए।
- ड्रोन तकनीक की सहायता से हाथियों की गतिविधियों पर निगरानी की जाए।
- वन विभाग और प्रशासन की जवाबदेही तय हो, विशेष टास्क फोर्स का गठन हो।
- मांगों के क्रियान्वयन की निगरानी हेतु एक संयुक्त समिति का गठन, जिसमें स्थानीय जनप्रतिनिधियों को भी शामिल किया जाए“।
यह केवल प्रदर्शन नहीं, पीड़ितों की आवाज़ है” — अमरजीत भगत
प्रदर्शन के दौरान संबोधित करते हुए अमरजीत भगत ने कहा,
“यह धरना केवल एक राजनैतिक कार्यक्रम नहीं है, बल्कि उन ग्रामीणों की आवाज़ है जो वर्षों से हाथी हमलों का दंश झेल रहे हैं। अगर सरकार अब भी सोई रही, तो यह आंदोलन उग्र रूप लेगा।”
ज्ञापन सौंपा गया, प्रशासन की प्रतिक्रिया का इंतज़ार
धरना प्रदर्शन के उपरांत प्रतिनिधिमंडल ने अनुविभागीय अधिकारी(वन) को ज्ञापन सौंपा। अब स्थानीय प्रशासन और राज्य सरकार की प्रतिक्रिया का इंतज़ार है। पूर्व मंत्री ने उम्मीद जताई है कि मांगों पर जल्द अमल होगा, ताकि क्षेत्र में शांति और सुरक्षा बहाल हो सके।