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किसानों का अल्टीमेटम: 7 दिन में नहीं हुआ समाधान तो होगा जंगी आंदोलन और चक्काजाम

मुआवजा, नहर और धान खरीदी मुद्दों पर प्रशासन ने दिए समयबद्ध आश्वासन, निगरानी के बाद उग्र आंदोलन की चेतावनी

कल हुए किसान आंदोलन में प्रशासन और आंदोलनकारियों के बीच अहम सहमति बनी। आंदोलन के दौरान उठाई गई समस्याओं पर प्रशासन ने स्पष्ट समयसीमा के भीतर समाधान का भरोसा दिया है।

एसडीएम को ज्ञापन सौंपते आंदोलनकारी जन-प्रतिनिधि

आंदोलनकारियों को बताया गया कि एग्रिस्टेक में आई तकनीकी समस्याओं का निराकरण 7 दिवस के भीतर कर लिया जाएगा। वहीं उड़ुमकेला नहर से संबंधित मुआवजा 10 दिनों के भीतर किसानों के खातों में पहुंच जाएगा।
कोटछाल जलाशय के लिए लंबित 81 लाख रुपये का मुआवजा, जो वर्तमान में प्रशासन के पास है, उसका वितरण 10 दिन में कर दिया जाएगा। शेष मुआवजा राशि की स्वीकृति के लिए प्रस्ताव भेजा जा चुका है, जिसका निराकरण दो माह के भीतर होने की बात कही गई है। इसके अलावा पेंट बांध और चैनपुर नहर के मुआवजे की प्रक्रिया भी दो माह में पूर्ण करने का आश्वासन दिया गया।

किसानों के लिए राहत भरी घोषणा करते हुए यह भी स्पष्ट किया गया कि अब धान खरीदी केंद्रों में किसानों को बोरा ढोने की मजबूरी नहीं होगी।

आंदोलनकारियों ने साफ चेतावनी दी है कि आगामी 7 दिवस तक सभी बिंदुओं की कड़ी निगरानी की जाएगी। यदि तय समयसीमा में प्रगति नहीं हुई तो 7 दिन बाद लाठी-डंडों के साथ जंगी प्रदर्शन और चक्काजाम किया जाएगा, जिसकी सूचना ज्ञापन के माध्यम से पहले ही प्रशासन को दे दी गई है।
अब सबकी नजरें प्रशासन की कार्रवाई पर टिकी हैं—या तो समाधान होगा, या फिर आंदोलन और तेज़ होगा।

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