जन-मन आवास योजना में गड़बड़ी: सचिव पर आरोप, नोडल अधिकारी की भूमिका पर भी सवाल
जांच कमेटी बनी पर कार्रवाई अब तक अधर में, शिकायतकर्ता ने उठाया बड़ा सवाल - “क्या अधिकारी खुद को बचाने में लगे हैं?”

The Chalta/ग्राम पंचायत पेंट में प्रधानमंत्री जन-मन आवास योजना में गंभीर गड़बड़ी का मामला चर्चा में है। शिकायतकर्ता ने बताया कि योजना का लाभ पात्र कोरवा जनजाति को न देकर राठिया (कंवर) को दे दिया गया। इतना ही नहीं, पात्रों के खातों से राशि भी आहरित कर ली गई है।
शिकायत जुलाई 2025 में जनपद की आवक-जावक शाखा में दी गई थी। इस पर 4 नवंबर 2025 को जब सीईओ कुबेर सिंह से “The Chalta.com” ने बात की, तो उन्होंने कहा —
“जांच कमेटी बनाई गई है, दोषी पाए जाने पर कार्रवाई होगी।”
लेकिन सवाल यह है कि जांच कमेटी बने चार महीने बीत चुके हैं, फिर भी जांच पूरी क्यों नहीं हुई? क्या यह देरी किसी को बचाने के लिए की जा रही है?
शिकायतकर्ता का कहना है कि गलती केवल पंचायत सचिव की नहीं है, बल्कि जनपद के नोडल अधिकारी और निगरानी टीम की भूमिका भी सवालों के घेरे में है।
इसी पंचायत में मनरेगा (रोजगार गारंटी योजना) में भी फर्जीवाड़े का मामला सामने आया है। इस बार मजदूरों के नहीं, बल्कि सरपंच के फर्जी हस्ताक्षर की बात कही जा रही है। प्रोग्राम अधिकारी ने बताया कि “इस मामले में भी जांच कमेटी बनाई गई है।”
अब बड़ा सवाल यह है —
“जुलाई से अब तक अधिकारी क्या कर रहे थे?”
क्या सीईओ कुबेर सिंह इस बार दोषियों पर कड़ी कार्रवाई करेंगे, या फिर यह मामला भी the chalta के जनता की नज़र में एक और अधूरी जांच बनकर रह जाएगा?



