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पंडवानी ने दिलाई छत्तीसगढ़ को वैश्विक पहचान, मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने पंडवानी महासम्मेलन में दी कलाकारों को शुभकामनाएं

अंतर्राष्ट्रीय कलाकार दिवस पर मुख्यमंत्री ने किया पंडवानी के पुरोधाओं का स्मरण, कहा – यह कला हमारी सांस्कृतिक आत्मा का प्रतीक

The Chalta/दुर्ग/ अंतर्राष्ट्रीय कलाकार दिवस के अवसर पर दुर्ग जिले के ग्राम मेड़ेसरा में आयोजित पंडवानी महासम्मेलन के समापन समारोह में आज मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय मुख्य अतिथि के रूप में शामिल हुए। इस अवसर पर उन्होंने पंडवानी कला के माध्यम से छत्तीसगढ़ को मिली वैश्विक पहचान पर गर्व व्यक्त किया और कहा कि “पंडवानी केवल एक लोककला नहीं, बल्कि यह हमारी सांस्कृतिक आत्मा का जीवंत स्वरूप है, जिसने विश्व पटल पर छत्तीसगढ़ की पहचान को सशक्त बनाया है।”

मुख्यमंत्री ने पंडवानी के पुरोधा कलाकारों — जैसे पद्मभूषण तीजन बाई, पद्मश्री रीताबाई और अन्य लोक कलाकारों का पावन स्मरण करते हुए कहा कि उनकी साधना और समर्पण ने इस विधा को नई ऊँचाइयों तक पहुँचाया है।

उन्होंने इस अवसर पर सभी कलाकारों को अंतर्राष्ट्रीय कलाकार दिवस की हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएँ दीं और कहा कि राज्य सरकार लोककला एवं कलाकारों के संरक्षण और प्रोत्साहन के लिए निरंतर कार्य कर रही है।

कार्यक्रम में बड़ी संख्या में स्थानीय कलाकार, सांस्कृतिक संस्थाएँ और जनप्रतिनिधि उपस्थित रहे। समारोह में पंडवानी की विभिन्न शैलियों — कपार, वेणी और लोरिक चंदा — की मनमोहक प्रस्तुतियों ने श्रोताओं को भावविभोर कर दिया

 

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