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मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने आदिवासी विकास को दी नई गति, 2,800 करोड़ समेत कई बड़ी घोषणाएं

सरकार आदिवासी अंचलों में शिक्षा, स्वास्थ्य, खेल, कृषि और आधारभूत ढांचे के विकास को सर्वोच्च प्राथमिकता दे रही है..

The chalta/कोरबा, 10 सितंबर 2025 – मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय की अध्यक्षता में आज कोरबा कलेक्ट्रेट सभाकक्ष में मध्य क्षेत्र आदिवासी विकास प्राधिकरण की महत्वपूर्ण बैठक आयोजित की गई। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने आदिवासी अंचलों के समग्र विकास और विशेषकर विशेष पिछड़ी जनजातियों की खुशहाली को प्राथमिकता देते हुए कई महत्वपूर्ण घोषणाएं कीं।

मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार का उद्देश्य आदिवासी समाज को मुख्यधारा से जोड़ते हुए उन्हें शिक्षा, खेल, बुनियादी सुविधाएं और कृषि के क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनाना है। उन्होंने इस दिशा में कई बड़ी योजनाओं को स्वीकृति दी।

मुख्य घोषणाएं:

  1. बालक-बालिका क्रीड़ा परिसर:
    आदिवासी बच्चों की खेल प्रतिभा को प्रोत्साहित करने के लिए 10-10 करोड़ रुपये की लागत से बालक-बालिका क्रीड़ा परिसरों के निर्माण और संचालन की स्वीकृति दी गई।
  2. विशेष पिछड़ी जनजातियों के लिए खेल परिसर:
    विशेष पिछड़ी जनजातियों के बच्चों की खेल प्रतिभा को निखारने हेतु दो खेल परिसरों के लिए 10-10 करोड़ रुपये की घोषणा की गई।
  3. आवासीय विद्यालय:
    विशेष पिछड़ी जनजातियों के विद्यार्थियों के लिए गुणवत्तापूर्ण शिक्षा सुनिश्चित करने के उद्देश्य से एक आवासीय विद्यालय की स्थापना हेतु 5 करोड़ रुपये स्वीकृत किए गए।
  4. सुनालिया पुल निर्माण:
    क्षेत्र की कनेक्टिविटी को मजबूत करने के लिए सुनालिया पुल निर्माण हेतु 9 करोड़ रुपये की स्वीकृति प्रदान की गई।
  5. सिंचाई परियोजनाएं:
    वर्ष 2015 से पहले लंबित पड़ी 115 अधूरी सिंचाई परियोजनाओं को पूरा करने के लिए ऐतिहासिक 2,800 करोड़ रुपये की राशि स्वीकृत की गई, जिससे आदिवासी अंचलों में कृषि को बढ़ावा मिलेगा।
  6. बजट में वृद्धि:
    अनुसूचित जनजाति समुदाय के समग्र विकास को ध्यान में रखते हुए आदिवासी विकास प्राधिकरण की बजट राशि को 50 करोड़ से बढ़ाकर 75 करोड़ रुपये कर दिया गया।

मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि राज्य सरकार आदिवासी अंचलों में शिक्षा, स्वास्थ्य, खेल, कृषि और आधारभूत ढांचे के विकास को सर्वोच्च प्राथमिकता दे रही है। उन्होंने संबंधित विभागों को निर्देशित किया कि इन योजनाओं का क्रियान्वयन समयबद्ध और पारदर्शी तरीके से सुनिश्चित किया जाए।

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