कृषि संकट में राहत: राजापुर, पेटला और केरजू में पहुँची यूरिया खाद की खेप, किसानों में खुशी की लहर
संचालक कृषि (छत्तीसगढ़) 8 सितंबर 2025 को सरगुजा संभाग के दौरे पर रहेंगे। इस दौरान वे यूरिया के टॉप 20 खरीदारों की सूची, विभिन्न विभागीय योजनाओं की समीक्षा और खाद वितरण की स्थिति का जायजा लेंगे.

The chalta/सीतापुर/सरगुजा | 5 सितंबर 2025
खरीफ सीजन के बीच जब किसान खाद की कमी से जूझ रहे थे, ऐसे समय में शासन और प्रशासन की पहल से राजापुर, पेटला और केरजू समितियों में यूरिया खाद की खेप पहुँचने से किसानों को बड़ी राहत मिली है। किसानों के चेहरों पर अब उम्मीद की किरण दिखाई दे रही है।
राजापुर समिति में 2 और 4 सितंबर को एक-एक ट्रक यूरिया खाद का भंडारण किया गया, जिससे किसानों को समय पर खाद मिल पा रही है। इसी क्रम में पेटला और केरजू समितियों में भी एक-एक ट्रक खाद पहुँच चुकी है। प्रशासन की इस त्वरित कार्रवाई से खेतों में हरियाली लौटने की उम्मीद बढ़ी है।
गौरतलब है कि खरीफ के समय में खाद की कमी से किसानों की मुख्य फसलों का उत्पादन बुरी तरह प्रभावित होता है, जिससे उनकी वार्षिक आमदनी पर भी संकट आ सकता है। खाद की किल्लत कालाबाजारी और बिचौलियों की मुनाफाखोरी को भी बढ़ावा देती है। हाल ही में मैनपाट विकासखंड के जामकानी गांव में बिना लाइसेंस 750 रुपए प्रति बोरी में यूरिया बेचते दो लोगों को पकड़ा गया था। इस मामले में जांच जारी है।
नैनो यूरिया की बढ़ी मांग
पारंपरिक यूरिया के साथ-साथ किसानों में अब नैनो यूरिया की मांग भी तेजी से बढ़ रही है। प्रतापगढ़ सहकारी समिति में मांग को ध्यान में रखते हुए भारी मात्रा में नैनो यूरिया का भंडारण किया गया है। क्षेत्र की अन्य सभी समितियों में भी यह उन्नत तकनीकी खाद पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध है।
500ml की एक बोतल नैनो यूरिया की कीमत 225 रुपए तय की गई है, जिसमें विशेष प्रावधान के तहत किसानों को 10,000 रुपए का दुर्घटना बीमा भी मिलता है। नैनो यूरिया के उपयोग से खाद की खपत कम होती है और उत्पादन में बढ़ोतरी होती है, जिससे किसान अधिक लाभ कमा सकते हैं।
सरकार का भारी अनुदान
एक बोरी यानी 45 किलोग्राम यूरिया की वास्तविक लागत 2,175.50 रुपए है, लेकिन भारत सरकार द्वारा दिए जा रहे 1,908.95 रुपए के अनुदान के चलते किसानों को यह केवल 266.50 रुपए में उपलब्ध हो पा रहा है। यह सरकार की किसानों के प्रति प्रतिबद्धता और कृषि क्षेत्र को समर्थन देने की नीति को दर्शाता है।
कृषि संचालक का दौरा
इसी बीच प्रदेश के संचालक कृषि (छत्तीसगढ़) 8 सितंबर 2025 को सरगुजा संभाग के दौरे पर रहेंगे। इस दौरान वे यूरिया के टॉप 20 खरीदारों की सूची, विभिन्न विभागीय योजनाओं की समीक्षा और खाद वितरण की स्थिति का जायजा लेंगे।
प्रशासन की तत्परता और सरकार के सहयोग से खाद संकट से जूझ रहे किसानों को बड़ी राहत मिली है। खाद की उपलब्धता ने न केवल खेतों की हरियाली लौटाई है, बल्कि किसानों के चेहरों पर भी मुस्कान वापस लाई है।