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रेंजर फेंकू चौबे के बयान से मचा बवाल! ऐसे गैर-जिम्मेदाराना बयान से क्षेत्र के पर्यावरण संतुलन पर गंभीर खतरा…

तहसीलदार का काम निजी भूमि पर कार्यवाही करना है। 12 प्रजापति फ्री हैं, काट सकते हैं।”

The chalta/02/09/2025सरगुजा/मैनपाट: मैनपाट क्षेत्र में वन विभाग की बड़ी कार्रवाई सामने आई है। गुप्त सूचना के आधार पर वन विभाग ने लकड़ी से भरे एक ट्रक को पकड़ा है। बताया जा रहा है कि यह ट्रक अवैध रूप से लकड़ियों को लेकर जा रहा था। मामले में वन अधिनियम के तहत कार्यवाही जारी है।

वन विभाग सूत्रों के मुताबिक, मौके पर पंचनामा और जप्तीनामा की प्रक्रिया की जा रही है। इसके साथ ही थाना कमलेश्वरपुर पुलिस को भी सूचित किया जा रहा है कि ट्रक और लकड़ी को जब्त कर लिया गया है।

🗣️ विवादित बयान से गरमाया माहौल

इस कार्रवाई के बाद वन विभाग के रेंजर फेंकू चौबे का एक बयान सामने आया है, जो कि विवादों में घिरता नजर आ रहा है। उन्होंने मीडिया से बातचीत में कहा:

“तहसीलदार का काम निजी भूमि पर कार्यवाही करना है। 12 प्रजापति फ्री हैं, काट सकते हैं।”

इस बयान ने मैनपाट के पर्यावरण प्रेमियों और सामाजिक कार्यकर्ताओं में गहरा आक्रोश पैदा कर दिया है। मैनपाट क्षेत्र में कई दुर्लभ प्रजातियों के वृक्ष पाए जाते हैं और रेंजर के ऐसे गैर-जिम्मेदाराना बयान से क्षेत्र के पर्यावरण संतुलन पर गंभीर खतरा मंडरा रहा है।

🌲 12 प्रजातियां कौन सी? रेंजर ने नहीं किया खुलासा

रेंजर चौबे द्वारा जिन “12 प्रजापति” को काटने की छूट की बात कही गई है, उनकी प्रजातियों की जानकारी अब तक स्पष्ट नहीं की गई है। यह भी चिंता का विषय है क्योंकि बिना वैज्ञानिक और कानूनी आधार के इस तरह की अनुमति देना वन अधिनियम की भावना के खिलाफ है।

🔍 जांच की मांग तेज

स्थानीय नागरिकों और पर्यावरण प्रेमियों ने मांग की है कि रेंजर फेंकू चौबे के बयान की ऊच्चस्तरीय जांच की जाए। साथ ही यह भी मांग उठ रही है कि जब से चौबे मैनपाट में पदस्थ हैं, तब से अब तक की सभी वन भूमि और लकड़ी कटाई की जांच की जाए।

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