ढेड़ माह पूर्व लाखों रूपये के लागत से बनी सड़क गढ्ढों में हुई तब्दील, लोगों को दे रही जख्म…
कुछ जगहों पर तो गड्ढे इतने बड़े हैं कि वे सड़क का नामोनिशान मिटा चुके हैं,गढ्ढों के कारण हादसा होते देख, ग्राम पंचायत के रूपये को डामरीकरण सड़क में लगाने को मजबूर हैं प्रतिनिधि..

विधायक जी के गांव कोटछाल–जामकानी–सरगुजा रायगढ़ सरहदी क्षेत्र को जोड़ने वाली सड़क ढेड़ माह पूर्व डामरीकरण हुआ था। जो अब गढ्ढों में तब्दील हो चुका है। गढ्ढों के कारण आए दिन कोटछाल अटल चौक के पास हो रहे हादसों को देखकर ग्राम पंचायत के प्रतिनिधियों ने गढ्ढों में मुरूम डाला है, जो अब कभी भी किचड़ में तब्दील होने की संभावना है, ढेड़ माह में ही सड़क की गुणवत्ता तथा पत्थलगांव के ठेकेदार सचिन अग्रवाल/अशोक कुमार अग्रवाल के निर्माण पर कई सवाल उठ रहे हैं।
विस्तार से:–
भले ही सरकार गड्ढा मुक्त सड़कों की घोषणा करके इसका ख्वाब लोगों को दिखा देती है लेकिन जमीनी हकीकत कुछ अलग है। कोटछाल–जामकानी–सरगुजा रायगढ़ सरहदी क्षेत्र को जाने वाली बेहद चलताऊ डामरीकरण रोड गड्ढों में तब्दील हो गई है। इस पर निकलने वाले बाइक सवार अक्सर चोट खाते रहते हैं। नव निर्मित डामरीकरण सड़क गड्ढों में तब्दील हो चुका है। इस सड़क पर होकर रोज करीब सैकड़ों के लोग निकलते होंगे। सड़क के गढ्ढों में तब्दील होने से राहगीरों सहित स्कूल आने-जाने वाले बच्चों को भी दिक्कत होती है। उनकी साइकिलें या बाइक गड्ढों में पानी की वजह से गिर जाती है और वे चोटिल होते रहते हैं। जो अब जख्म देने लगी है।
स्थानीय लोगों ने बताया कि एक से डेढ़ माह पूर्व ही सड़क नया बना था। सचिन अग्रवाल/अशोक कुमार अग्रवाल ठेकेदार के खराब सामग्री लगाने से चंद दिनों में ही लाखों रूपये की सड़क फिर गढ्ढों में तब्दील हो गई। लेकिन अभी तक गड्ढे भरने का काम नहीं किया गया है। कोटछाल पंचायत के जनप्रतिनिधियों ने गढ्ढों के कारण होते हादसों के मद्देनजर गढ्ढों में मुरूम डाल तो दिया है जो अब पानी आने पर किचड़ में तब्दील हो जाएगा।
स्थानीय लोगों का कहना है कि इन गड्ढों के कारण आए दिन दुर्घटनाएं हो रही हैं।
कुछ जगहों पर तो गड्ढे इतने बड़े हैं कि वे सड़क का नामोनिशान मिटा चुके हैं।
समस्या का समाधान:
सड़कों की मरम्मत और गड्ढों को भरने का काम जल्द से जल्द शुरू किया जाना चाहिए।
पानी की निकासी की उचित व्यवस्था की जानी चाहिए ताकि सड़कों पर पानी जमा न हो।
सड़कों की गुणवत्ता में सुधार किया जाना चाहिए ताकि वे लंबे समय तक चल सकें।
जनता को भी इस समस्या के प्रति जागरूक होना चाहिए और अधिकारियों को जनप्रतिनिधियों को इस बारे में सूचित करते रहना चाहिए।