chhattisgarhसीतापुर

एक साथी, एक सिपाही, एक संवेदना आज चली गई… भगत

श्रीनिवासन जी केवल एक नाम नहीं थे वो एक भावना थे. एक ऐसा रिश्ता जो खून से नहीं, इंसानियत से जुड़ा था.. पूर्व मंत्री अमरजीत भगत

The chalta/आंध्र प्रदेश से आए और सीतापुर को अपनी कर्मभूमि बना लिया। ज़िंदगी ने कई इम्तहान लिए, अकेलापन दे दिया। लेकिन उन्होंने कभी हार नहीं मानी। श्रीनिवासन को पूर्व मंत्री अमरजीत भगत ने दी भावभीनी श्रद्धांजलि।

श्रीनिवासन बीते कुछ समय से बिमार थे,उनका उपचार सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र सीतापुर में जारी था अचानक तबीयत बिगड़ी और 7 जुलाई को डाक्टरों ने मृत घोषित कर दिया। 8 जुलाई को उनको अंतिम विदाई दी गई।

श्रद्धांजलि सभा में भगत ने कहा जब समाज ने किनारा किया, तब हमारा साथ बना।हमारे बीच कोई औपचारिक रिश्ता नहीं था। फिर भी उन्होंने मुझे अपने जीवन का सबसे करीबी कहा।उनकी आंखों में यह भरोसा हमेशा दिखता था।

आगे उन्होंने कहा श्रीनिवासन जी का जब देहांत हुआ तो उस समय मैं रायपुर में था।न उन्हें देख सका, न उनकी चुप्पी को आख़िरी बार सुन सका।ये मेरे लिए सिर्फ़ एक निजी क्षति नहीं है। ये उस रिश्ते की विदाई है, जो हर इंसानियत में ज़िंदा होना चाहिए।तुम अमर रहोगे, श्रीनिवासन जी
मेरे यक़ीन में, सीतापुर की यादों में, और उन लोगों की दुआओं में जिनके लिए तुम रूह बनकर जिए।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button